कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई के घर 76 घंटे बाद इनकम टैक्स की रेड खत्म, बेटे भव्य को साथ ले गई टीम

कांग्रेस नेता और विधायक कुलदीप विश्नोई के ठिकानों पर आयकर टीम की जांच 76 घंटे बाद खत्म हो गई। टीम ने मंगलवार सुबह 8 बजे विश्नोई के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी। शुक्रवार करीब 1 बजे टीम कुलदीप विश्नोई के हिसार के सेक्टर-15 स्थित आवास से रवाना हुई। टीम अपने साथ कुलदीप के बेटे भव्य को दिल्ली ले गई है। कुछ कागजात भी ले जाने की सूचना है। हालांकि, अभी अधिकारिक तौर पर विभाग की तरफ से किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई है। कुलदीप, हरियाणा के पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे हैं। उनकी पत्नी रेणुका भी विधायक हैं। 
इससे पहले मंगलवार सुबह आयकर विभाग ने कुलदीप विश्नोई के आदमपुर, हिसार, गुड़गांव और दिल्ली स्थित आवास और प्रतिष्ठानों पर छापेमारी शुरू की थी। आदमपुर मंडी स्थित कुलदीप की आढत पर मंगलवार देर रात तक आयकर विभाग ने सर्च की। इसके बाद एक टीम ने यहां से पैकअप किया और विधायक के बेटे भव्य को हिसार सेक्टर-15 आवास पर साथ लेकर आई।
इसके बाद सर्च में घर का सामान, अलमारी, पार्क, बाथरूम, छत पर टंकियां आदि को खंगाला गया। परिजनों और करीबियों से पूछताछ की गई। घर में मिले सामान का रिकॉर्ड बनाया गया, क्रॉस चेक किया गया और बयान भी दर्ज किए गए। आयकर की छापेमारी के दौरान कुलदीप की मां जस्मा देवी भी आवास पर रहीं। आयकर की छापेमारी के दौरान कुलदीप के समर्थक घर के बाहर डटे रहे। किसी को भी घर से बाहर या भीतर नहीं आने-जाने दिया गया।
एक्सपर्ट्स ने बताया कैसे चलती है आयकर विभाग की कार्यवाही
आईटी टीम पहले दिन छापेमारी की जगह पर दस्तावेजों, कैश, प्रॉपर्टी से जुड़ी जानकारियों के साथ-साथ जिन स्थान पर दस्तावेज व रुपए आदि छिपाए जा सकते हैं उनको खोजने का काम करती है। दूसरे दिन जो भी सर्च में तथ्य मिलते हैं उन्हें परिवार के सदस्य के साथ सत्यापित किया जाता है, ताकि यह पता चल सके कि किस संपत्ति का हिसाब दिखा रखा है या किसका नहीं। 
यह काम दो या तीन दिन तक भी चल सकता है। अगर हिसाब में शामिल न होने वाली संपत्ति हो तो वह अलग हो जाती है, जिसको इंपाउंड करने के लिए एक रिकॉर्ड बनाया जाता है। संबंधित के बयान दर्ज किए जाते हैं। इसके बाद सर्च ऑपरेशन समाप्त होता है। इस रिकॉर्ड को अपने साथ असेसमेंट के लिए अधिकारी दफ्तर ले जाते हैं। इसके कुछ समय बाद प्रोसिडिंग शुरू होती है, अगर व्यक्ति या फर्म उन संपत्तियों का स्रोत नहीं बता पाते तो उन पर टैक्स पेनल्टी की कार्रवाई के साथ कानूनी कार्यवाही भी हो सकती है। 

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