हाई कोर्ट में घिरी सरकार, अदालत ने पूछा 510 टेंडर रद करने के आदेश की कापी कहां है?

हरियाणा परिवहन विभाग में शुरू की गई प्राइवेट बसें किराये पर हायर करने की किलोमीटर स्कीम सरकार के जी का जंजाल बन गई है। हरियाणा सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने हाई कोर्ट में पेश कर विजिलेंस जांच रिपोर्ट के आधार पर हलफनामा पेश किया है। पांच पेज के इस हलफनामे में सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि किलोमीटर स्कीम में घपला हुआ है और विजिलेंस जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार 510 बसों का टेंडर रद चुकी है। एडवोकेट जनरल द्वारा पेश हलफनामा परिवहन विभाग के संयुक्त आयुक्त रामकुमार का है।
हरियाणा सरकार के इस जवाब पर हाई कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ। हाईकोर्ट ने सरकार से 510 बसों के टेंडर रद करने के आदेश की कॉपी मांग ली। मगर सरकार के वकील आदेश की प्रति पेश नहीं कर पाए। हाई कोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए सरकार के वकीलों ने कहा कि अभी इस बाबत आदेश जारी नहीं हुए हैैं। इस पर हाई कोर्ट ने सरकार के वकीलों से सवाल किया कि जब आदेश जारी नहीं हुए तो हलफनामे में यह कैसे कहा जा रहा कि 510 बसों के टेंडर (एग्रीमेंट) रद कर दिए गए हैं। कोर्ट ने बुधवार को टेंडर (एग्रीमेंट) रद करने के आदेश की कापी अदालत में पेश करने के निर्देश सरकार को दिए हैैं।
आदेश देखने के बाद अगली कार्यवाही
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा है कि पहले 510 बसों का टेंडर रद किए जाने के आदेश पर गौर किया जाएगा। उसके बाद ही अदालत आगे कोई निर्देश जारी करेगा। एडवोकेट जनरल ने अदालत में साफ कहा कि निजी बसों के टेंडर की विजिलेंस जांच में कई अनियमितताएं पाई गई हैं।

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