गवर्नर की तैनाती के बहाने बीजेपी ने चला 'पिछड़ा दांव'

गवर्नर की तैनाती के बहाने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की केंद्र सरकार ने एक बार फिर पिछड़ा दांव चल दिया है। उत्तर प्रदेश में गुजरात की पूर्व मुख्यमं‌त्री आनंदी बेन पटेल के साथ बिहार में फागू चौहान को गवर्नर बनाया गया है। घोसी से विधायक फागू चौहान पिछड़ी जाति के हैं। बीजेपी की कोशिश है कि भविष्य में इसका भी फायदा उसे मिल सके। 
बीजेपी का मानना है कि बिहार में अगले साल होने वाले चुनाव में भी इसका फायदा मिल सकता है। दरअसल, फागू चौहान लोनिया (पिछड़ी) जाति से आते हैं। वह 1985 में चौधरी चरण सिंह के साथ जुड़कर पहली बार विधायक बने थे। वह जनता दल और बीजेपी के साथ बीएसपी में भी रहे। बिहार में पिछड़ों के समीकरण को साधने के लिए बीजेपी के लिए यह दांव मददगार साबित हो सकता है। 

...तो इसलिए लालजी टंडन एमपी के गवर्नर बने अभी तक बिहार में पूर्व सांसद लालजी टंडन राज्यपाल थे। अब उन्हें मध्य प्रदेश भेजा जा रहा है। वहां कांग्रेस और बीजेपी की खींचतान के बीच टंडन की तैनाती के पीछे भी सियासत मापी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि कर्नाटक के बाद अब बीजेपी का निशाना मध्य प्रदेश होगा और वहां भी बीजेपी की कोशिश अपने पक्ष में समर्थन जुटाने की होगी। 
मोदी और शाह की करीबी हैं आनंदी बेन पटेल 
मध्य प्रदेश में तैनात आनंदी बेन पटेल यूपी आएंगी। इसके पीछे भी बीजेपी का पिछड़ा दांव ही है। अभी उनका लंबा कार्यकाल बाकी है। इसके बावजूद यहां खाली हो रही राज्यपाल की कुर्सी पर उनकी तैनाती की जा रही है। गुजरात की पूर्व सीएम आनंदी बेन कुर्मी जाति से हैं और पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की करीबी मानी जाती हैं। यूपी में कुर्मी प्रदेश अध्यक्ष की तैनाती के बाद के बाद इसे भी बीजेपी का दांव ही माना जा रहा है। दरअसल, बीजेपी को अब तक चुनाव में पिछड़ों का ही फायदा मिलता आया है। इस वजह से वह इन्हें एकजुट करने में जुटी है। 

अब 13 सीटों पर होगा उपचुनाव 
घोसी से विधायक फागू चौहान को बिहार का राज्यपाल बनाए जाने के बाद यूपी में एक और विधानसभा सीट खाली हो जाएगी। ऐसे में 13 सीटों पर उपचुनाव होंगे। विधानसभा की 11 सीटें सांसदों के विधायक बनने और एक सीट विधायक को अयोग्य घोषित किए जाने के कारण खाली चल रही है। 

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