सीएम नीतीश ने किया माउस क्लिक, बाढ़ पीडि़तों के बैंक एकाउंट में चले गए 181 करोड़ रुपये

अब बिहार सरकार भी धीरे-धीरे डिजिटल मोड में आ गयी है। शुक्रवार को यह देखने को भी मिला। इधर सीएम नीतीश कुमार ने माउस क्लिक किया और उधर बाढ़ पीडि़ताें के बैंक एकाउंट में राहत की राशि चली गई। वादे के मुताबिक राज्य सरकार ने शुक्रवार को बाढ़ पीडि़तों के बैंक खाते में 181 करोड़ रुपये डाल दिये। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक क्लिक से तीन लाख से अधिक बाढ़ पीडि़त परिवारों के खाते में 6000 रुपये की दर से राशि जमा हो गयी। अगले 48 घंटे के भीतर यह राशि पीडि़तों को मिल जाएगी। भुगतान डीबीटी के जरिए हुआ। 
एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में नीतीश कुमार ने कंप्यूटर का माउस क्लिक कर योजना का शुभारंभ किया। इस काम में एनआइसी की मदद ली गई। दरअसल राज्य सरकार ने पीएफएमएस प्रणाली के जरिए पीडि़तों के खाते में सीधे राशि देने का फैसला किया है। इस प्रणाली से राहत वितरण में बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी।  
पहले चरण में तीन लाख दो हजार 329 परिवारों की पहचान बाढ़ पीडि़त के तौर पर की गई है। प्रति परिवार 6000 की दर से 181 करोड़ 39 लाख 74 हजार रुपये का भुगतान किया गया है। पीडि़तों की सूची में नाम दर्ज होने वाले नए परिवारों को भी यह राशि दी जाएगी। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में अभी भी कुछ ऐसे परिवार हैं जो सरकारी योजनाओं से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे परिवार की पहचान कर तत्काल बैंक खाता खुलवाएं, ताकि उन्हें योजनाओं का लाभ मिल सके। अगर जरूरत पड़े तो इस काम में विकास मित्र और जीविका समूह का सहयोग लें। उन्होंने कहा- यह सिस्टम बहुत अच्छा है। पूरी पारदर्शिता के साथ लाभुकों के खाते में सीधे सहायता राशि बिना किसी व्यवधान के पहुंच जाएगी। 
उन्‍होंने कहा कि प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरूक करें कि जिन बाढ़ पीडि़त परिवारों का बैंक खाता नहीं है, वे जल्द अपना खाता खुलवा लें। मौके पर आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय, मुख्य सचिव दीपक कुमार, आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, ओएसडी गोपाल सिंह, अपर सचिव चंद्रशेखर सिंह आदि मौजूद रहे। 

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