खनन घोटाला: ईडी ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति से की एक घंटे तक पूछताछ

उत्तर प्रदेश के खनन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति से मंगलवार को पूछताछ की. केजीएमयू के यूरोलॉजी के प्राइवेट वार्ड में एडमिट गायत्री प्रजापति से ईडी अधिकारियों ने खनन घोटाले के बारे में जानकारी इकट्ठा की. इससे पहले ईडी अधिकारी लखनऊ जेल गए थे, जहां जेल अधिकारियों को पूछताछ की इजाजत की कॉपी सौंपी गई.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में इन दिनों भ्रष्टाचार के दाग साफ करने के लिए नौकरशाही पर जांच ऐजेंसियों का डंडा चल रहा है. सपा, बसपा के शासन में हुए घोटालों पर जांच एजेंसियों ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. प्रदेश में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के मामलों में सीबीआई के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. मायावती सरकार में हुए 1,100 करोड़ रुपये के कथित चीनी मिल घोटाले में सीबीआई की छापेमारी के बाद ईडी ने भी इस घोटाले में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है. दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय से मंजूरी मिलते ही लखनऊ स्थित ईडी के जोनल कार्यालय ने यह कार्रवाई की है.
इसी तरह अखिलेश के मुख्यमंत्रित्व काल में छह जिलों में मनमाने ढंग से खनन पट्टे देने के आरोप हैं. इस मामले में भी सीबीआई ने दो केस दर्ज किए हैं. हाल में बुलंदशहर के पूर्व जिलाधिकारी अभय सिंह, कौशल विकास निगम के पूर्व एमडी विवेक और आजमगढ़ के पूर्व सीडीओ देवी शरण उपाध्याय के यहां सीबीआई छापे के बाद यूपी के आईएएस अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है.
दरअसल, यूपी के छह जिलों में हुए अवैध खनन की जांच कर रही सीबीआई के रडार पर आधा दर्जन और अफसर हैं. ये अफसर सपा शासनकाल में बतौर जिलाधिकारी, खनन विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात थे.
इन अफसरों में से एक प्रमुख सचिव स्तर तक के अधिकारी, दो विशेष सचिव और पूर्व में बतौर जिलाधिकारी रहे तीन अफसर शामिल हैं. सीबीआई जांच के दायरे में फिलहाल हमीरपुर, देवरिया, फतेहपुर, कौशांबी, शामली और सिद्धार्थनगर जिले हैं. इनमें से फतेहपुर, हमीरपुर और देवरिया जिलों के जिलाधिकारियों से सीबीआई न सिर्फ पूछताछ कर चुकी है, बल्कि उनके घरों को भी खंगाल चुकी है. इस मामले में सीबीआई ने अभी तक चार आईएएस अफसर, पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति सहित छह के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं.

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