एक साल पहले ही झारखंड ने हासिल किया स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य

दोरोथिया केरकेट्टा पेशे से शिक्षिका थीं। सेवानिवृत्ति के बाद 2010 में सिमडेगा के केरसाई प्रखंड में बासेन पंचायत की मुखिया बनीं। उस वक्त तक सिमडेगा का एक भी गांव खुले में शौच से मुक्त नहीं था। दोरोथिया ने अभियान चलाकर अपनी पंचायत के करंगागुड़ी गांव को सिमडेगा जिले में खुले में शौच से मुक्त प्रथम गांव बनने का गौरव दिलाया। यहां तक कि इसमें उन्हें शुरुआती दिनों में अपनी पेंशन की राशि का भी उपयोग करना पड़ा। दोरोथिया की इस साहसिक पहल को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया।
उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सम्मानित किया। दोरोथिया ने पहल की तो कारवां आगे बढ़ निकला। महिलाओं ने पूरे राज्य में शौचालय को अपने सम्मान से जोड़ा और इसे इज्जत घर का नाम दिया। लाखों महिलाएं इस मुहिम से जुड़ीं तो सरकार का साथ भी मिला। 55 हजार महिलाओं ने रानी मिस्त्री के रूप में शौचालय निर्माण में अपना योगदान दिया। नतीजा, झारखंड ने स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य एक वर्ष पूर्व हासिल कर लिया।
स्वच्छता की दिशा में झारखंड के बढ़ते कदम की यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट में हाल ही में सराहना की गई है। यह सराहना यूं नहीं की गई है। स्वच्छता की हर कसौटी पर झारखंड ने अपने साबित भी किया है। झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां 55 हजार महिला रानी मिस्त्रियों ने 3.5 लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण किया। फरवरी 2018 में मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद देश भर में झारखंड की रानी मिस्त्रियों की तारीफ की थी।
स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्य सरकार के स्तर से लगातार जागरूकता अभियान चलाया गया। इस कड़ी में 26 जनवरी से 25 मार्च 2018 तक स्वच्छता संकल्प अभियान चलाया गया। राज्य की 15 लाख महिलाओं ने इसमें भाग लिया, जिसमें 55 हजार से अधिक महिलाओं ने रानी मिस्त्री के रूप में कार्य किया। एक जून से 30 जून तक स्वच्छता सहयोग अभियान चलाया गया। इसके तहत शौच से मुक्त हो चुके जिलों से स्वच्छता ग्राहियों, रानी मिस्त्रियों और राज मिस्त्रियों को सहयोग करने के उद्देश्य से उन जिलों में भेजा गया जो मानक में पीछे चल रहे थे।

More videos

See All