लम्बित राजस्व प्रकरणों के शीध्र निस्तारण के प्रयास : हरीश चौधरी

राजस्व राज्य मंत्री हरीश चौधरी ने कहा है कि राजस्व न्यायालयों में प्रकरणों के शीध्र निस्तारण के लिए प्रयास किए जाएंगे.चौधरी गुरुवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायकों के पूरक सवालों का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि राजस्व न्यायालयों में मामलों के अधिक समय तक लम्बित रहने से विभाग और प्रदेश चिंतित है. ये फैसले किस प्रकार तीव्र गति से किए जाएं, इस बारे में कार्यवाही की जाएगी. एससी-एसटी की जमीन पर कब्जे के मामले में तत्काल कार्यवाही की जाएगी. ऐसे राजस्व प्रकरण के निस्तारण के लिए तीन माह का समय निर्धारित है, लेकिन कई बार पुनः वाद में जाने के कारण इनके निस्तारण में विलम्ब होता है. इसके अलावा कई मामलों में अदालत के निर्णय के बावजूद प्रार्थी को कब्जा नहीं मिलने पर उसे पुनः मजबूरी में दुबारा न्यायालय में जाना पड़ता है. इससे पहले विधायक संतोष द्वारा पूछे गए मूल प्रश्न के जवाब में चौधरी ने विधानसभा क्षेत्र अनूपगढ़ की तहसील अनूपगढ़, घडसाना, रावला में अतिक्रमण, वास्तविक खाताधारक व अतिक्रमणकर्ता के नाम सहित विवरण की सूची सदन के पटल पर रखी.
मंत्री ने तहसीलदार, उपखण्ड अधिकारी व जिला कलेक्टर को की गई शिकायतों का विवरण तथा न्यायालय तहसीलदार, न्यायालय उपखण्ड अधिकारी और न्यायालय जिला कलेक्टर में दायर वाद एवं की गई कायर्वाही का विवरण भी सदन के पटल पर रखा. उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग की भूमि पर अतिक्रमण के मामलों को आमतौर पर तीन माह में फैसला करने के संबंध में राजस्व विभाग ने संबंधित राजस्व न्यायालयों को निस्तारण करने के लिए निर्देशित किया हुआ है. राज्य सरकार द्वारा 08 दिसम्बर 2000, 09 फरवरी 2007, 23 अप्रैल 2009 और 11 जनवरी 2012 को परिपत्र जारी कर अनुसूचित जाति/अनुसूचति जनजाति के व्यक्तियों की भूमि पर अन्य जाति के व्यक्तियों द्वारा किए गए अवैध कब्जों को हटाने के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर उनका सख्ती से पालना किए जाने के लिए निर्देशित किया गया है.
 

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