जम्मू-कश्मीर: अमित शाह के दौरे का हुआ असर, गांवों के स्कूलों और पीएचसी पर खर्च होंगे 700 करोड़

जम्मू-कश्मीर के गांवों में विकास कार्य की गति बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी 700 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। इस धन को 4483 पंचायतों में गांवों की जनसंख्या के हिसाब से शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ स्वच्छता कार्यक्रमों में प्राथमिकता के आधार पर खर्च किया जाएगा। अनुमान के मुताबिक 500 की आबादी वाले गांवों को इन कार्यों के लिए करीब एक-एक लाख रुपये दिए जाएंगे।पहली किस्त में मिले धन से प्राथमिक स्कूलों के साथ ही डिस्पेंसरी या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरम्मत के कार्य के अलावा गलियों और नालियों की सफाई और मरम्मत की जाएगी। इसे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करा कर सरकार के प्रति विश्वास बहाली की कोशिश माना जा रहा है।  

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नौ जुलाई को घोषणा की थी कि रियासत की ग्राम पंचायतों के लिए 3700 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है। 700 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी करने के बाद 1500-1500 करोड़ की राशि दो बार में दी जाएगी। रियासत की ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की प्रशासनिक सचिव शीतल नंदा ने धन मिलने की पुष्टि कर दी है। 

दरअसल, केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में विकास को गति देना चाह रही है। इस एजेंडे पर आगे बढ़ने के लिए शाह 27 जून को रियासत के अपने पहले दौरे में पंचों-सरपंचों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान स्पष्ट कर दिया था। 

शाह के दौरे के बाद से राज्य में पंचायतों के सशक्तिकरण और सरपंचों-पंचों के अधिकार बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से लगातार पहल कर रही है। रियासत में थ्री टियर पंचायतराज सिस्टम लागू करने के तहत मुख्य चुनाव अधिकारी शैलेंद्र कुमार को चिट्ठी भी भेजी गई है। 

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