पंचायत चुनाव में भ्रष्टाचार रोकने को एक्ट में हो संशोधन

जिला पंचायत अध्यक्षों व ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में सदस्यों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले विपुल जैन ने सरकार से पंचायती राज एक्ट में संशोधन करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि महापौर की तरह अध्यक्षों व प्रमुख के चुनाव भी जनता के माध्यम से सीधे कराया जाना चाहिए।
बुधवार को पत्रकारों से रूबरू हुए विकासनगर मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष विपुल जैन ने कहा कि प्रदेश में 520 जिला पंचायत सदस्य व 4000 क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने जाते हैं। ये निर्वाचित सदस्य जिला पंचायत अध्यक्षों व ब्लॉक प्रमुख का चुनाव करते हैं और इसमें सदस्यों की जमकर खरीद-फरोख्त की जाती है। यदि अध्यक्षों व प्रमुख के चुनाव भी जनता के माध्यम से सीधे कराए जाएं तो करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है। इसकी मंशा को लेकर उन्होंने पहले मुख्यमंत्री व फिर केंद्रीय पंचायतीराज मंत्री को ज्ञापन भेजा गया था।
इस पर जब कोई कार्रवाई नहीं की गई तो उन्हें हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करनी पड़ी। जिस पर कोर्ट ने राज्य, केंद्र सरकार व राज्य निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा है। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान के आर्टिकल 243 में भी यह कहीं नहीं कहा गया है कि अध्यक्षों व प्रमुख के चुनाव के लिए सदस्यों को कुछ दिन का समय दिया जाए। यदि यह समय भी सीमित कर दिया जाए तो काफी अंकुश लग जाएगा।
 

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