अस्पताल से छुट्टी होते ही मिलेगा जाति प्रमाण पत्र : स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव

भूपेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए शिशु के जन्म के समय ही पिता की जाति के आधार पर उसका जाति प्रमाणपत्र बनाने का निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय के बाद लाखों परिवारों को इसका फायदा मिलेगा। राज्य सरकार के इस सकारात्मक फैसले को लेकर लोगों में खुशी का माहौल है साथ ही राज्य सरकार के इस कार्य की सभी प्रशंसा कर रहे हैं। अब हितग्राही को बच्चे के जाति प्रमाण पत्र को लेकर परेशान नहीं होना पड़ेगा। अभी तक स्कूलों में एडमिशन, नौकरी आदि के लिए जाति प्रमाण पत्र बनवाने लोग भटकते रहते हैं।

सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश के पौने दो करोड़ एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग को फायदा मिलेगा। इसके लिए जीएडी ने फार्मेट भी तय कर लिया है। बच्चे के पिता को सक्षम प्राधिकारी को संबोधित करते हुए आवेदन देना होगा। इस तरह करना होगा आवेदन तय फार्मेट के अनुसार आवेदक को जिले व ब्लॉक का उल्लेख करते हुए बताया होगा कि किस वर्ग एससी, एसटी या ओबीसी से ताल्लुक रखता है। इसमें आवेदक का नाम, शिशु से संबंध, बच्चे का नाम, लिंग, जन्म तारीख अंको व शब्दों में, पिता का पूरा नाम, पिता की जाति-उपजाति, वर्तमान निवास का पता जिसमें मोहल्ला, वार्ड, ग्राम, कस्बा, शहर, बल्का, तहसील, जिला व राज्य के साथ ही स्थायी निवास का पूरा पता देना होगा।

इसके साथ ही जिसमें बच्चे के जन्म के समय जारी सक्षम प्राधिकारी के जाति प्रमाण पत्र का में उल्लेखित आवेदन का संदर्भ व क्रमांक तथा जन्म प्रमाणपत्र की फोटो कापी लगानी होगी। पिता के जाति प्रमाण पत्र में उल्लेखित ऑनलाइन रिफ्रेंस नंबर-जाति प्रमाणपत्र की छाया प्रति लगानी होगी। सारी प्रकिया पूरी हो जाने पर बच्चे के पिता को एक और महत्वपूर्ण पत्र देना होगा, वह है घोषणा पत्र। बच्चे का पिता अर्जी के साथ इसे संलग्न कर शपथ पूर्वक कथन करेगा कि जो भी जानकारी उसने आवेदन में लगाई है वह उसके विश्वास में सत्य व सही है। उसे इसमें हस्ताक्षर भी करने होंगे।

 

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