AAP ने फिर मोदी सरकार पर लगाया सौतेला व्यवहार करने का आरोप
आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र की मोदी सरकार पर एक बार फिर सौतेले व्यवहार करने का आरोप लगाया है. मेट्रो फेज 4 से संबंधित EPCA की एक रिपोर्ट पर सवाल खड़े करते हुए AAP पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मेट्रो फेज 4 को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच कई बार पत्राचार हुए. इसी संबंध में EPCA ने भी एक रिपोर्ट बनाकर सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है, जिस पर आम आदमी पार्टी को संदेह है. सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया, 'जिस प्रकार से EPCA ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में रखी है, उसको लेकर मेरे मन में संदेह पैदा हुआ है. EPCA द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट को अगर ध्यान से पढ़ा जाए, तो यह साफ तौर पर नजर आता है कि यह पूरी की पूरी रिपोर्ट भाजपा की तरफ झुकी हुई है.' AAP नेता सौरभ भारद्वाज के मुताबिक दिल्ली सरकार ने मेट्रो फेज 4 के संबंध में दो बातें रखी है. पहली यह कि फेज वन, टू और थ्री में मेट्रो के लिए जो जमीन खरीदी जाती है, उसके लिए आधा पैसा दिल्ली सरकार देती है और आधा पैसा केंद्र सरकार देती है. दूसरा यह कि मेट्रो को चलाने में जो भी घाटा होता था, उसको भी केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार आधा-आधा वहन करते थे. हालांकि यह बड़े ही आश्चर्य की बात है कि अब मेट्रो फेज 4 में केंद्र सरकार का कहना है कि मेट्रो के लिए जो जमीन खरीदी जानी है, उसका सारा पैसा दिल्ली सरकार दे. साथ ही मेट्रो को चलाने में जो भी घाटा हो, वो भी सारा घाटा दिल्ली सरकार ही वहन करे, जो कतई ठीक नहीं है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब मेट्रो में किराया बढ़ाने की बात हो, तो केंद्र सरकार कहती है कि निर्णय हम लेंगे. जब मेट्रो में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा का मुद्दा होता है, तो केंद्र सरकार कहती है कि इस पर निर्णय हम लेंगे. परंतु जब मेट्रो फेज 4 के लिए जमीन खरीदने की बात आती है, तो केंद्र सरकार कहती है कि सारा पैसा दिल्ली सरकार देगी. मेट्रो के संचालन में होने वाले घाटे को भी दिल्ली सरकार वहन करेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का ऐसा बर्ताव अमानवीय और असंवैधानिक है. आगे EPCA पर साल उठाते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'एक तरफ तो EPCA कहती है कि मेट्रो दिल्ली के लिए बेहद जरूरी है. इससे दिल्ली में प्रदूषण का स्तर घटेगा. दूसरी ओर जब दिल्ली सरकार मेट्रो के लिए 6 कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव देती है, तो EPCA सिर्फ तीन कॉरिडोर बनाने की बात करती है. जब दिल्ली सरकार 6 कॉरिडोर के लिए पैसा देने को तैयार है, तो सिर्फ तीन कॉरिडोर ही क्यों बनाए जाएं?' उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि केंद्र सरकार ऐसा चाहती है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को गौर से देखा जाए तो ऐसा लगता है कि EPCA केंद्र सरकार के अधीन आने वाला एक संस्थान बन गया है. EPCA द्वारा प्रस्तुत कि गई रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि EPCA की रिपोर्ट के मुताबिक इन 6 कॉरिडोर में से 3 जगह मेट्रो की ज़रूरत नहीं है. EPCA का कहना है कि लाजपत नगर से साकेत, इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ, रिठाला से बवाना होते हुए नरेला तक मेट्रो की जरूरत नहीं है.सिर्फ 3 फेज की बात EPCA और केंद्र सरकार कर रहे हैं. इन तीनों जगहों पर रहने वाले दिल्लीवासियों को मेट्रो की सेवाओं से वंचित किया जा रहा है. दूसरा यह कि दिल्ली सरकार का सारा पैसा दिल्ली के करदाताओं से आता है, तो केंद्र सरकार इन कॉरिडोर का सारा खर्चा दिल्ली सरकार के ऊपर डाल कर क्यों दिल्ली के करदाताओं पर भार बढ़ाना चाहती है? फिलहाल पूरे मामले में आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज EPCA के चेयरमैन को एक खत लिखकर दोबारा विचार करने की अपील की है.