योगी सरकार का फरमान, 5 साल से जमे मंत्रियों के कर्मचारी हटाए जाएं

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सोमवार शाम एक अहम फैसला लिया. मुख्यमंत्री ने लगातार 5 साल से मंत्रियों के साथ तैनात उनके निजी सचिव, अपर निजी सचिव और अन्य कर्मचारी हटाने के निर्देश दिए हैं. सचिवालय प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है. शासन ने यह कदम कुछ महीने पूर्व एक स्टिंग में कुछ निजी सचिवों का नाम आने के बाद लिया है. मंत्री यदि दूसरी बार फिर से मंत्री बनते हैं तो पूर्व के कार्यकाल में उनके साथ 5 साल तक तैनात रहे अधिकारी/कर्मचारी फिर से उन्हें नहीं मिल पाएंगे.

महेश कुमार गुप्ता के मुताबिक भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए योगी सरकार ने यह कदम उठाया है. निजी सचिव, अपर निजी सचिव और समूह ‘ख’ और ‘ग’ के कर्मचारियों की तैनाती को समय सीमा में बांध दिया है. नई व्यवस्था में ऐसे अधिकारी/कर्मचारी अधिकतम 5 साल ही मंत्रियों के साथ तैनात रह सकते हैं.

यूपी में 201 अधिकारियों को दी जा चुकी है जबरन रिटायरमेंट
अभी कुछ दिन पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्ट अधिकारियों पर चाबुक चलाते हुए 600 के खिलाफ कार्रवाई की थी, जिनमें से 201 को जबरन रिटायरमेंट भी दी गई है. इस कार्रवाई के अलावा 150 से ज्यादा अधिकारी अब भी सरकार के रडार पर हैं. इनमें ज्यादातर आईएएस और आईपीएस अफसर हैं.
 

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