नाबार्ड की योजनाओं का लाभ उठाकर बाजार के कार्यचातुर्य सीखें: धनखड़

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मन्त्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा है कि किसानों को बाजार की मांग के अनुरूप अपने फसल चक्र, फसल प्रबंधन एवं फसल विपणन प्रबंधन की अवधारणा बदलनी होगी तथा धान गेंहू के फसल चक्र से हटकर स्वयं को बागवानी की ओर मोडऩा होगा व बागवानी फसलों की संरक्षित खेती मॉडल को अपनाना होगा।

धनखड़ आज नई दिल्ली में किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी की करने के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए केन्द्रीय कृषि एवं किसान मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में हुई राज्यों के कृषि मंत्रियों के मंथन सत्र में बोल रहे थे।
धनखड़ ने कहा है कि पिछले साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल में हरियाणा में किसानों की बेहतरी के लिए जितना कार्य हुआ है उतना पहले कभी नहीं हुआ। वर्तमान सरकार ने जोखिम फ्री व्यक्ति, जोखिम फ्री पशु व जोखिम फ्री गांव बनाने के विजन के साथ योजनाएं तैयार की हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय किसान के्रडिट कार्ड जारी करने की योजना आरंभ की गई थी और फसली ऋण ब्याज दर 18 प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत तक लाई गई और अब केन्द्र व प्रदेश की वर्तमान सरकार ने फसल ऋण ब्याज को जीरो प्रतिशत किया है।

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