केंद्र का ऐलान: बीएसपी की खाली जमीन पर गरीबों के लिए बनाए जाएंगे आवास

केंद्र ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की खाली जमीन का उपयोग गरीबों का मकान बनाने के लिए करने का निर्णय लिया है। बीएसपी भी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सेल की इकाई है। लिहाजा यहां भी करीब दो हजार एकड़ जमीन खाली है। केंद्र की मंशा को देखते हुए भिलाई सहित राजहरा और नंदिनी में भी बीएसपी की खाली जमीन पर आवास बनाए जाने की उम्मीद है। बीएसपी स्थापित करते समय केंद्र ने 55 गांवों की करीब 56 हजार एकड़ जमीन का तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार से अधिग्रहित किया था।
प्लांट और टाउनशिप बनने के बाद साडा, सीआईएसएफ, सेल, एनएसपीसीएल, जेपी प्लांट व शैक्षणिक गतिविधियों के लिए दी गई
  1. वर्तमान में भिलाई में केवल एक हजार एकड़ जमीन ही खाली रह गई है। प्लांट और टाउनशिप बनने के बाद खाली जमीन अलग-अलग चरणों में केंद्र करीब एक तिहाई जमीन 1998-99 में साडा को दे चुकी है। इसके अलावा करीब 5 हजार एकड़ जमीन उतई में सीआईएसएफ को ट्रेनिंग सेंटर खोलने, सेल रिफैक्ट्री यूनिट स्थापित करने, एनएसपीसीएल, जेपी प्लांट सहित टाउनशिप में शैक्षणिक संस्थानों को अलाट की गई। राजहरा में करीब 5 हजार एकड़ और नंदनी में ढाई हजार एकड़ जमीन बीएसपी की है। 
  2. खाली जमीन उपयोग में अधिनियम भी आएगा आड़े स्वाभिमान मंच के अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता के मुताबिक प्लांट स्थापित करते समय केंद्र व तत्कालीन सरकार के बीच सहमति बनी थी कि खाली जमीन किसी भी तीसरे पक्षकार को न लीज में दी जा सकती है न ही बेची जा सकती है। केंद्र अगर बीएसपी की खाली जमीन का इस्तेमाल करती तो वह अधिग्रहण के प्रावधानों का उल्लंघन होगा।
  3. अब कब्जेधारियों को बेदखल करना बड़ी चुनौती तीनों ही शहरों में बड़े स्तर पर बीएसपी की जमीनों पर कब्जा होने के कारण केंद्र की योजना को क्रियान्वित करना आसान नहीं होगा। ज्यादातर स्थानों पर कब्जेधारियों ने पक्का मकान बना लिया है। इतना ही नहीं इन्हें राजनीति शरण भी मिली हुई है। पूर्व में बीएसपी और जिला प्रशासन ने खाली करवाने का प्रयास भी किया तो विरोध हो गया।

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