कर्नाटक का संकट: सदन में संख्याबल किसके साथ? जानें संभावित सियासी समीकरण

कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी सरकार एक बार फिर गहरे संकट से जूझ रही है। कांग्रेस-जेडीएस के 13 विधायकों के इस्तीफे के साथ ही विधानसभा में मौजूदा संख्याबल भी कुमारस्वामी के पक्ष में नजर नहीं आ रहा है। बनते-बिगड़ते सियासी समीकरणों के बीच वर्तमान परिदृश्य में बीजेपी और कांग्रेस-जेडीएस विधायकों की संख्या बराबर हो गई है। आइए जानते हैं कि कर्नाटक विधानसभा में अब क्या संभावित परिस्थितियां बन सकती हैं और क्या है बहुमत का गणित: 
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नंबर गेम 
कांग्रेस और जेडीएस विधायकों के इस्तीफे के पहले गठबंधन सरकार के पास 118 विधायकों का समर्थन था। इनमें कांग्रेस के 79, जेडीएस के 37 और दो निर्दलीय विधायक शामिल थे। 224 सदस्यों वाली विधानसभा में यह बहुमत के जादुई आंकड़े 113 से 5 ज्यादा था। लेकिन शनिवार को विधायकों के इस्तीफे के नाटकीय घटनाक्रम के बाद 211 सदस्यों के सदन में मैजिक नंबर घटकर 106 पहुंच गया है। खास बात यह है कि जेडीएस-कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों का कुल आंकड़ा 105 है (कांग्रेस-69, जेडीएस-34 और निर्दलीय-2), जबकि बीजेपी के पास भी 105 विधायक हैं। यानी कांग्रेस-जेडीएस और बीजेपी के बीच टाई की स्थिति है। फिलहाल विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं हुए हैं लेकिन अगर इन पर मुहर लगती है तो बहुमत जुटाने के लिए एक-एक विधायक का वोट बहुत अहम हो जाएगा। 
पहली तस्वीर 
स्पीकर 13 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार करें और बहुमत परीक्षण के बाद कुमारस्वामी सरकार गिर जाए। इसके बाद बीजेपी या तो बीएसपी के इकलौते विधायक के समर्थन से या फिर कांग्रेस-जेडीएस खेमे से कुछ और इस्तीफे दिलाकर सरकार बना ले। इस्तीफा देने के 6 महीने के अंदर जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया है, वे उपचुनाव में बीजेपी के समर्थन से जीत हासिल कर लें। 

दूसरी तस्वीर 
स्पीकर विधायकों का इस्तीफा स्वीकार करने से इनकार कर दें। बीजेपी इसके खिलाफ कोर्ट चली जाती है और कांग्रेस-जेडीएस को बागी विधायकों को संतुष्ट करने के लिए पर्याप्त मौका मिल जाए। 
तीसरी तस्वीर 
एचडी कुमारस्वामी और कांग्रेस कुछ बागियों को कैबिनेट में जगह देकर मना ले। इस तरह गठबंधन सरकार का संकट फिलहाल के लिए टाल दिया जाए। 

चौथी तस्वीर 
कुछ और विधायकों के इस्तीफे हों और सीएम कुमारस्वामी विधानसभा को भंग करने का जुआ खेलें। लेकिन बीजेपी के सरकार बनाने के दावे की सूरत में राज्यपाल सीएम कुमारस्वामी की मांग को खारिज कर दें। 

पांचवीं तस्वीर 
कांग्रेस और जेडीएस बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनाने के लिए राजी हो जाएं, क्योंकि जिन कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दिया है उनमें से कई ने एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व का विरोध किया है। 

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