निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट निराशाजनक, किसानों के लिए नहीं कोई सौगात- बीरबल दास ढालिया

इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष बीरबल दास ढालिया ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि किसानों के प्रति हमदर्दी जताने के बाद अब इस बजट में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे किसान उत्साहित हो सकें।
उन्होंने कहा कि यह बजट उन करोड़ों किसानों और आम नागरिकों के साथ विश्वासघात है, जिन्होंने भाजपा को अभी हाल के लोकसभा चुनावों में ऐतिहासिक बहुमत दिया था। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि बजट में एक भी ऐसा वाक्य नहीं बोला गया जिसमें किसानों का जिक्र हो। किसानों को किसी प्रकार की राहत देना तो दूर, सरकार ने डीजल की कीमत में एक रुपया प्रति लीटर की वृद्धि कर उसके लागत मूल्य को बढ़ाया है। बजट में किसानों की उस मांग को भी अनदेखा किया है जो कृषि उपकरणों पर लगे जीएसटी को हटाने के बारे में थी।
बीरबल दास ढालिया ने यह भी कहा कि बजट आम आदमी को भी निराश करने वाला है। निजी आयकर में उनके पक्ष में कोई बदलाव नहीं किया गया है और डीजल के साथ पेट्रोल की कीमत में भी एक रुपया प्रति लीटर की वृद्धि कर उसे शोषण का शिकार बनाया गया है।
इनेलो प्रदेशाध्यक्ष ने यह भी कहा कि यह विडंबना है वित्त मंत्री ने यह दावा किया कि भाजपा सरकार उस तमिल कवि और दार्शनिक के कथन का पालन करती है जिसमें एक राजा को यह नसीहत दी गई थी कि उसे हाथी की तरह धान के खेत में घुसकर फसल उजाड़ने के स्थान पर अलग से चावल खाने देने चाहिए। उन्होंने वित्त मंत्री को याद दिलाया कि वर्ष 2016 में मोदी सरकार ने हाथी रूपी नोटबंदी बनकर, गरीबों, आम आदमियों, छोटे कारोबार और भवन निर्माण क्षेत्र को तबाह कर दिया था। उस तबाही से ये क्षेत्र आज तक उठ नहीं पाए हैं।

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