कृषि को जोखिम फ्री बनाने, किसानों को उपज बेचने में कठिनाई न हो और उन्हें ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले। इसके लिए मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल लॉन्च किया, इसके माध्यम से किसान आज से 31 जुलाई तक अपनी बोई फसल व खाली खेत का ब्योरा पोर्टल पर दे सकेगा। फसल पकने पर सैटेलाइट से फोटोग्राफी होगी, जिससे सरकार को मिलेगी सही जानकारी मिलेगी।
सीएम मनोहर लाल ने गुरुवार को चंडीगढ़ में यह पोर्टल को लान्च किया। इस योजना में 13.41 लाख किसान जुड़ जाएंगे। कृषि एवं किसान कल्याण, राजस्व, खाद्य एवं आपूर्ति तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग मिलकर इस दिशा में कार्य करेंगे। भू-मलिक के साथ असली काश्तकार भी अपनी फसल का ब्योरा इस पोर्टल पर डाल सकेगा और प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में सरकार द्वारा दी जाने वाली नुकसान की भरपाई का मुआवजा भी उसे मिल सकेगा। किसान व आढ़ती के बीच किसी प्रकार का विवाद न हो। किसान अपनी मर्जी से अपनी उपज बिना आढ़ती के सरकारी खरीद एजेंसियों के माध्यम से बेच सकेगा। पैसा सीधा किसान के खाते में जाएगा। 30 सितंबर तक सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और खरीफ फसलों की खरीद एक अक्टूबर से शुरू होगी।
अब होगी ई-गिरदावरी :- एक अगस्त से पोर्टल पर कृषि और राजस्व विभाग मिलकर जानकारी जुटाएंगे।
- यही नहीं दोनों विभागों के कर्मचारी खेत में जाकर ई-गिरदावरी करेंगे, जो जीपीएस के साथ लिंक होगी।
- जब फसल पकेगी तब सैटेलाइट के माध्यम से फोटोग्राफी की जाएगी।
- यदि फिर भी रह जाती है तो संबंधित उपायुक्त द्वारा स्पेशल गिरदावरी होगी।
- इस प्रणाली से काफी हद तक कठिनाइयां दूर होंगी और फसल नुकसान जैसी सम्भावनाएं कम होंगी।
किसानों को प्रोत्साहन राशि :पोर्टल पर रजिस्टे्रशन के लिए किसान को प्रति एकड़ 10 रुपए और अधिकतम 50 रुपए दिए जाएंगे तथा इसके अलावा सांझा सेवा केंद्र पर की गई हर प्रवृष्टि के लिए वीएलई को पांच रुपए प्रति रजिस्ट्रेशन की दर से राशि भी दी जाएगी। 13.41 लाख किसानों के मोबाइल नंबर राजस्व विभाग के पास दर्ज हैं, जैसे ही पोर्टल पर किसान अपनी फसल का पंजीकरण करेगा तो एसएमएस अलर्ट उसके पास जाएगा। अगर काश्तकार करता है तो भी भू-मालिक के पास इसकी जानकारी जाएगी।