अब सीएम तय करेंगे दून में मेट्रो चलेगी या केबल कार

फरवरी 2017 में जब उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन का गठन किया गया, तब लेकर अब तक मेट्रो रेल (लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम आधारित) परियोजना कई हिचकोले खा चुकी है। किसी तरह गिरते-पड़ते उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने परियोजना की डीपीआर तैयार कर स्वीकृति को शासन को भेजी तो अब मुख्य सचिव ने दून के दोनों कॉरीडोर (एफआरआइ से रायपुर और आइएसबीटी से मसूरी रोड) पर मेट्रो के लिहाज से असहमति जता दी है। वह चाहते हैं कि दून के लिए रोप-वे आधारित केबल कार का संचालन किया जाना चाहिए। इसी के साथ मेट्रो परियोजना की डीपीआर भी अटक गई है और अब मामला मुख्यमंत्री दरबार में पहुंच गया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री जल्द बैठक कर तय करेंगे कि दून में मेट्रो चलेगी या केबल कार। 
उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक जितेंद्र त्यागी का कहना है कि केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) तैयार कर दून के दोनों कॉरीडोर फाइनल किए गए थे। वहीं, मेट्रो परियोजना को लेकर उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने जर्मनी का दौरा किया था। इसके बाद अगस्त 2018 में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में भी एक दल ने लंदन और जर्मनी का दौरा किया। 
दोनों ही दल की संस्तुति के बाद मेट्रो परियोजना में कुछ संशोधन कर उसे अंतिम रूप दिया गया। अब इस पर आगे बढ़ना है या केबल कार पर काम करना है, यह निर्णय सरकार और शासन को करना है। इतना जरूर है कि केबल कार की परियोजना पर काम करने का निर्णय लिया जाता है तो दून के लिए नए सिरे से शुरुआत करनी होगी। खैर, देर-सबेर सरकार इस पर निर्णय कर ही लेगी, मगर विशेषज्ञों में मेट्रो बनाम केबल कार को लेकर नई चर्चा जरूर छिड़ गई है। 

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