अभी से उपचुनाव की तैयारी में जुटी BJP, कर डाली 3 बैठकें, जानें अन्य दलों का हाल

लोकसभा चुनाव 2019 में बड़ी जीत के बाद बीजेपी ने अब अपने मास्टरस्ट्रोक चलने शुरू कर दिए हैं. यूपी के जिन 12 सीटों पर उपचुनाव होने हैं बीजेपी उसे हर सूरत में जीतना चाहती है. वहीं सपा और बसपा का गठबंधन टूट चुका है. यह दोनों पार्टियां भी अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटी हैं. तो वहीं कांग्रेस अपने 'तुरुप के इक्का' प्रियंका गांधी के दम पर उपचुनाव में उतरने की सोच रही है.

उपचुनाव को लेकर सभी दल अपनी रणनीति बना रहे हैं, लेकिन बीजेपी ने कई दांव चल रखे हैं. पहले मंत्रियों-सांसदों के बेटों और परिवारवालों को टिकट न देने का फैसला और अब सबसे बड़ा मास्टरस्ट्रोक 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का आदेश. शायद यह बीजेपी का सबसे बड़ा दांव होगा जो विपक्षी दलों पर भारी पड़ रहा है. हालांकि चुनाव में कब, कैसे और क्या होगा, इसे कोई नहीं जानता लेकिन फिलहाल बीजेपी इन दलों से एक कदम आगे है.

उपचुनाव को लेकर बीजेपी तैयारी में सबसे आगे
बात अगर बीजेपी की करें तो उपचुनाव को लेकर वो सबसे आगे चल रही है. सरकार और संगठन के बीच इस संबंध में 3 बार बैठकें हो चुकी हैं और कई अहम फैसले भी लिए जा चुके हैं, जिसमें यह कहा गया है कि किसी भी सांसद, विधायक और मंत्री के परिवार या रिश्तेदारों को टिकट नहीं दिया जाएगा. टिकट सिर्फ निष्ठावान कार्यकर्ताओं को दिया जाएगा.

इसके लिए बीजेपी ने जहां-जहां उपचुनाव होने हैं, वहां सरकार के 11 मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी है. जो विधायक सांसद बने हैं उन्हें भी जिम्मेदारी दी गई है. कुल मिलाकर बीजेपी एक के बाद एक दांव चल कर विपक्षी दलों की नींद उड़ा रही है. जानकारों की मानें तो बीजेपी इन सभी दलों से रणनीति बनाने में एक कदम आगे है और चुनाव परिणाम आने के बाद से ही लगातार रणनीतियां बन रही हैं.

क्या मायावती अपने दम पर हासिल कर पाएंगी जीत?
वहीं अगर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की बात करें तो सपा से गठबंधन तोड़कर मायावती ने ऐलान किया है कि वो सभी सीटों पर उपचुनाव लड़ेंगी. ऐसा पहली बार हो रहा है जब बसपा किसी उपचुनाव में हिस्सा लेगी. हालांकि बसपा की तरफ से रणनीति बनाई जा रही है. मायावती 2 बार अपने कैडर, सांसदों और विधायकों की बैठक ले चुकी हैं. देखना होगा कि मायावती क्या अखिलेश से नाता तोड़कर अकेले अपने दम पर चुनाव में जीत हासिल कर पाएंगी या नहीं. या बीजेपी ने जिस तरह लोकसभा चुनाव में गठबंधन को मात दी थी, उसी तरह मायावती को भी चारों खाने चित कर देगी.
सपा और कांग्रेस भी बिछा रहे चुनावी बिसात
सपा और कांग्रेस भी अपनी चुनावी बिसात बिछा रहे हैं. कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव भी उपचुनाव की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन सवाल ये है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जाति, क्षेत्र और धर्म से ऊपर उठकर जनता ने वोट किया था, क्या इस उपचुनाव में भी यही होगा? अगर ऐसा होता है तो शायद अखिलेश और प्रियंका गांधी के उत्तर प्रदेश में सियासी अस्तित्व पर भी सवाल खड़ा होगा. फिलहाल बीजेपी इन सबसे एक कदम आगे चल रही है. जिन 12 सीटों पर उपचुनाव होने हैं वहां की समीक्षा बुधवार से ही जारी है.

More videos

See All