G20 सम्‍मेलन के लिए जापान में पीएम मोदी, पिछली बार आतंक को बनाया था बड़ा मुद्दा

G20 शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के ओसाका पहुंच चुके हैं. यहां के स्विस्‍सोटेल ननकाई होटल में भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका जोरदार स्‍वागत किया. पहले दिन यानी गुरुवार को मोदी की मुलाकात जापानी पीएम शिंजो आबे से होगी. इसके अलावा कुछ और सदस्‍य देशों के नेताओं से बात करेंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु सम्मेलन में भारत के शेरपा होंगे.
प्रधानमंत्री इस बेहद अहम ग्‍लोबल फोरम पर आतंकवाद का मुद्दा उठा सकते हैं. उन्‍होंने 8 जून को मालदीव के माले में इसपर एक ‘ग्‍लोबल कॉन्‍फ्रेंस’ की बात की थी. उन्‍होंने हैमबर्ग में हुई G20 बैठक (2017) में यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया था.
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2017 में लश्‍कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्‍मद की तुलना इस्‍लामिक स्‍टेट और अल-कायदा से करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि आतंकियों का समर्थन करने वाले सरकारी लोगों के G20 देशों में प्रवेश पर प्रतिबंध होना चाहिए.
क्‍या हैं भारत के अन्‍य मुद्दे?
भारत के लिए G20 सम्मेलन के मसलों में ऊर्जा सुरक्षा, वित्तीय स्थिरता, आपदा को लेकर लचीला बुनियादी ढांचा, सुधार प्रेरित बहुलवाद, डब्ल्यूटीओ सुधार, भगोड़े आर्थिक अपराधियों की वापसी, खाद्य सुरक्षा, प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण और वहनीय सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शामिल हैं.
G20 क्या है?
G20 की स्थापना 1999 में हुई थी. पहले इसमें वित्‍तमंत्री और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर हिस्‍सा लेते थे. 2008 में इसमें देशों के प्रमुखों को शामिल किया जिसका तात्कालिक मकसद 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट पर प्रभावी तरीके से प्रतिक्रिया प्रदान करना था. उसके बाद से यह अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के मुख्‍य वैश्विक मंच के रूप में उभरा है.
G20 के सदस्य देश दुनिया के 85 फीसदी सकल घरेलू उत्पादन (GDP), 75 फीसदी वैश्विक व्यापार और दुनिया की दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं. भारत अब तक G20 के सभी सम्मेलनों में हिस्सा ले चुका है. भारत पहली बार 2022 में G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.

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