लोकसभा में नेता विपक्ष का मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा, 8 जुलाई को होगी सुनवाई

17वीं लोकसभा में नेता विपक्ष का पद कांग्रेस को देने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. एडवोकेट मनमोहन सिंह और शिष्मिता कुमारी की याचिका पर हाईकोर्ट की अवकाश पीठ जस्टिस ज्योति और मनोज ओहरी ने सुनवाई करते हुए पूछा कि इस मामले पर सुनवाई के लिए अर्जेंसी क्या है ?
याचिकाकर्ता के जवाब से संतुष्ट होकर कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई रेगुलर बेंच सुनेगी. कोर्ट ने मामले में सुनवाई की तारीख 8 जुलाई तय की.
याचिका में क्या की गई थी मांग?
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. वकील मनमोहन सिंह और शिष्मिता कुमारी की तरफ से दायर याचिका में मांग की गई थी कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने के लिए कोर्ट निर्देश दे. याचिका में कहा गया है कि 52 सदस्यों के साथ कांग्रेस विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी है.
हालांकि कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए दावा नहीं कर सकती क्योंकि कुल सदस्यों का 10 फीसद भी पार्टी के पास नहीं है. याचिका में ये भी कहा गया था कि लोकसभा में मजबूत विपक्ष का होना जरूरी है ताकि सत्ता पक्ष के फैसलों की जांच-परख की जा सके. इसलिए लोकसभा अध्यक्ष को किसी सदस्य को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करना चाहिए.
मनमोहन सिंह ने कहा, ” हमने जनहित याचिका दायर की थी, हम ये चाहते हैं कि लोकसभा अध्यक्ष ने पिछली बार भी नेता विपक्ष की नियुक्ति नहीं की थी इस बार भी अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि कांग्रेस 52 सांसदों के साथ सबसे बड़ी विपक्ष की पार्टी है. कानून में सिर्फ ये लिखा है कि जो सबसे बड़ी विपक्ष की पार्टी है उसे नेता विपक्ष मिलना चाहिए, कांग्रेस को नहीं मिला, जबकि दिल्ली में भाजपा के सिर्फ 3 विधायक होने पर भी भाजपा को नेता विपक्ष मिला. आज कोर्ट ने कहा कि इस मामले को वेकेशन्स बेंच की जगह रेगुलर बेंच सुने, मामले की सुनवाई 8 जुलाई को होगी.”

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