मनकोटिया का निशाना: कांग्रेस की हार के लिए शीर्ष नेतृत्‍व और वीरभद्र सिंह जिम्मेदार

मेजर विजय सिंह मनकोटिया के निशाने पर अकसर कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह रहते रहे है। मगर शनिवार को मेजर मनकोटिया ने कांग्रेस नेतृत्व को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के पतन के लिए शीर्ष नेतृत्व जिम्मेदार है। सैनिक लीग पालमपुर के वार्षिक सम्मलेन में पहुंचे मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने हिमाचल प्रदेश में वीरभद्र सिंह को पूरी छूट दी थी। वीरभद्र सिंह पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वीरभद्र स्वयं कहते है कि छह बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, मगर हकीकत यह है कि मुख्यमंत्री रहते हुए एक बार भी दोबारा कांग्रेस पार्टी को सत्ता में वापस नहीं ला सके। मनकोटिया ने कहा कि इस मर्तबा केंद्रीय नेतृत्व ने फिर से वीरभद्र सिंह को बागडोर सौंपी, लेकिन वह पार्टी को लोकसभा चुनावों में जीत नहीं दिला पाए।
चारों सीटों पर कांग्रेस बुरी तरह से हारी। वीरभद्र सिंह पर जो मनी लांड्रिंग, इनकम टैक्स चोरी के केस और भ्रष्टाचार के मामले थे। उनके चलते केंद्रीय सरकार ने उन पर शिकंजा कसा हुआ था। वीरभद्र ङ्क्षसह प्रदेश में कांग्रेस की तारीफ न कर भाजपा की ही तरफदारी करते रहे। भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे पंडित सुखराम के पोते को कांग्रेस में लाए और उन्हें चुनाव लड़वाया। कांगड़ा-चंबा में सबसे कमजोर प्रत्याशी को मैदान में उतारा। उनका किसी प्रकार का जनाधार ही नहीं था। मनकोटिया ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व को केवल वीरभद्र ङ्क्षसह अपने तरीकों से खुश करते रहें और चारों सीटों पर पार्टी को नुकसान हुआ। दिल्ली में भी कांग्रेस नेतृत्व बुरी तरह विफल रहा है। राहुल गांधी पर प्रश्न चिन्ह लगा है।

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