विकास दर घटकर 5 साल के न्यूनतम स्तर पर आने के बाद सरकार अर्थव्यवस्था के अलग-अलग क्षेत्रों की समस्याओं को चिन्हित कर उनका हल निकालने में जुट गई है. इसी दिशा में कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ बैठक करने जा रहे हैं.
यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब मोदी सरकार 5 जुलाई को आम बजट 2019 20 पेश करने की तैयारी कर रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बैठक में आए सुझावों की झलक आम बजट के प्रस्तावों में भी देखने को मिल सकती है.
ये भी पढ़ें आखिर स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी की सोच को 'नीच' क्यों कहासूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री शनिवार को कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे. यह बैठक नीति आयोग में होगी और अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञ पीएम की मौजूदगी में अपने प्रेजेंटेशन देंगे. बैठक में चर्चा के बाद सरकार अगले कुछ वर्षों के लिए सुधारों का एजेंडा तय कर सकती है.
5 साल के न्यूनतम स्तर पर है विकास दरएक दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ भी बजट पूर्व चर्चा की है. यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब देश की विकास दर घटकर वित्तवर्ष 2018-19 में 5 साल के न्यूनतम स्तर 6.8 पर आ गई है. खासकर कृषि और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर काफी कम है. ऐसे में इन दोनों क्षेत्रों को ऊपर उठाने की जरूरत महसूस की जा रही है.
सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है इसीलिए कृषि क्षेत्र की वृद्धि बढ़ाना आवश्यक है. वहीं, भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए औद्योगिक गतिविधियों को रफ्तार देने की भी चुनौती सरकार के सामने है. सरकार ने 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ डॉलर की बनाने का लक्ष्य रखा है.
सूत्रों ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे सामाजिक क्षेत्रों में भी कई चुनौतियां हैं जिनका हल निकालने की कोशिश इस बैठक में की जाएगी. बैठक में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और पोषण की समस्या पर चर्चा होने के आसार हैं.