ग्रीष्मकाल में पानी की आपूर्ति व्यवस्था को प्रभावी बनायें: उच्च शिक्षा राज्य मंत्री

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री एवं जालोर जिले के प्रभारी भंवरसिंह भाटी ने कहा कि जालोर जिले में मानसून नहीं आने तक ग्रामीण क्षेत्रों में जलदाय विभाग के अधिकारी से लेकर हैल्पर तक आपस में समन्वय व टीम भावना से पेयजल से प्रभावित ग्रामों एवं ढाणियों में विशेष रूप से पूर्णतया सजग व जागरूक रहते हुए पानी की आपूर्ति व्यवस्था को प्रभावी बनाये रखें साथ ही सभी विभाग राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जरूरतमंद लोगों को पहुँचाने के कार्य में कोई कसर नहीं छोडें।

भाटी सोमवार को जालोर कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकाल में पानी एवं बिजली सामान्यतः संवेदनशील विषय होते है तथा पानी व बिजली की मांग भी बढ़ जाती है इसलिए जलदाय एवं विद्युत विभाग के सभी अधिकारी तथा कर्मचारी आपस में बेहतर तालमेल बनाये रखते हुए लोगों को पीने का पानी पहुँचाने के महत्ती कार्य को सफलता पूर्वक सम्पादित करें साथ ही डिस्कांम भी जलदाय एवं नर्मदा के नवीन जल स्त्रोतों को विद्युत कनेक्शन से प्रथम प्राथमिकता से जोड़े ताकि पानी सम्बन्धी समस्याओं में कमी आये। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों विभागों के उच्चाधिकारी अपने-अपने दूरभाष नम्बरों तथा नियन्त्रण कक्षों में जब भी इस सम्बन्ध में जन शिकायत आये तो उसे अपने अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों से सांझा करते हुए संवदेनशीलता के साथ जन समस्याओं का निराकरण करें। 

उन्हाेंने विभिन्न विकास योजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को कहा कि जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्ति तक पहुचानें के महत्ती कार्य में किसी भी स्तर पर शिथिलता नहीं बरते तथा राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप लोगों को अधिकाधिक रूप से लाभाविन्त करें। उन्होनें बैठक में डिस्कांम के अधीक्षण अभियन्ता पी.सी. टांक को कहा कि घरेलू एवं कृषि विद्युत कनेक्शनों के सम्बन्ध में आ रही शिकायतों का निराकरण करते हुए फीडर सुधार कार्य को भी करें। उन्होनें नर्मदा नहर परियोजना के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे नर्मदा से अवैद्य पानी लेने वालों के खिलाफ कार्यवाही करे साथ ही सिंचाई के लिए डिग्गी व्यवस्थाओं को प्रभावी बनाये। उन्होनें कृषि विभाग के अधिकारियों को कहा कि वे मानसून में खाद-बीज एवं कृषि संयन्त्रों का वितरण समयबद्ध तरीके से करें तथा प्रभावी मॉनिटरिंग भी रखें। उन्होंने समीक्षा के दौरान चारागाह विकास को बढावा देने तथा वर्षाकाल के दौरान अधिकाधिक वृ़क्षारोपण किये जाने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

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