पानी की कहानी : जलसंकट से जूझ रहे मध्य प्रदेश में कैसे लागू होगा पानी का अधिकार!
कमलनाथ सरकार मध्य प्रदेश में राइट टू वॉटर यानि पानी का अधिकार लागू करने जा रही है. ये फैसला उस वक़्त लिया गया है जब प्रदेश में चारों तरफ जल संकट है. हर तरफ पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. यकीनन हर नागरिक तक निश्चित मात्रा में पानी पहुंचाना सरकार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होगा.
कमलनाथ सरकार हर नागरिक को कम से कम निश्चित मात्रा में पानी मिल सके ऐसी व्यवस्था करने जा रही है. पानी का अधिकार देने के लिए सरकार विधानसभा में कानून लाएगी. पिछले हफ्ते मध्य प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि वो अपने नागरिकों को स्वास्थ्य देखभाल के साथ पर्याप्त पानी की गारंटी पर विचार कर रही है. अगर ऐसा हो जाता है तो मध्य प्रदेश ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा.
पानी का अधिकार राज्य में लागू करना इतना आसान भी नहीं है. सरकार के सामने तमाम चुनौतियां हैं. पानी का अधिकार लाने पर विचार उसी तरह किया जा रहा है जैसे महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम या भोजन की गारंटी कानून संसद में लाया गया था. लेकिन बात वहीं आकर अटक जाती है कि जहां पानी के जल स्रोत्र ही नहीं हैं तो जनता को ये अधिकार मिलेगा कैसे. मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में स्थिति इतनी ख़राब है कि लोग पलायन कर चुके हैं.