बंगाल में ममता से निपटना मोदी के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। जानिए क्यों?
पहले से भी कहीं बड़ा मैनडेट देकर जब जनता ने नरेंद्र मोदी को दूसरी बार सत्ता में बिठाया, तो उन्होंने 'सबका साथ,सबका विकास' के अपने नारे में 'सबका विश्वास' भी जोड़ दिया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में मुसलमानों की गरीबी, उनकी शिक्षा पर जो चिंता जताई, उससे सबको साथ लेकर चलने की उनकी दिली ख्वाहिश जाहिर हुई। मोदी के समर्थकों की यही शिकायत थी कि मोदी-विरोधियों ने उनकी छवि मुस्लिम-विरोधी के रूप में बनाने की कोशिश की है। जबकि, उनकी हर योजनाओं में 'सबका साथ,सबका विकास' का लक्ष्य रहा है। जो भी हो मोदी की इस समावेशी राजनीति को सबसे पहले पश्चिम बंगाल की सियासी कसौटी पर कसा जाना है। क्योंकि, राजनीति में ममता बनर्जी से बंगाल जीतने के लिए मोदी के पास 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' ही सबसे कारगर हथियार है। वरना बंगाल जैसे भारी-भरकम मुस्लिम आबादी वाले राज्य में ममता की प्रो-मुस्लिम पॉलिटिक्स को एंटी-मुस्लिम पॉलिटिक्स से मात देना बहुत ही मुश्किल है।
भाजपा के पक्ष में हिंदुओं की गोलबंदी
बीजेपी को हिंदू विचारधारा की पार्टी माना जाता है। 2019 के चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 2014 के 31.3% से बढ़कर 37.4% हो गया है। इसका का कारण भी बीजेपी के पीछे अधिकतर हिंदुओं की गोलबंदी को ही माना जा रहा है। सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज के पोस्ट पोल सर्वे के मुताबिक बीजेपी को 2014 में 36% हिंदुओं का वोट मिला था। 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 44% पहुंच चुका है। अगर इसमें पूरे एनडीए को मिले हिंदू वोटों को भी शामिल कर दें, तो यह आंकड़ा 51% को भी पार कर जाता है। यानी भाजपा के प्रति पूरे देश में हिंदुओं का झुकाव बढ़ा है। लेकिन, बंगाल के हिंदू वोटरों की बात करें, तो बीजेपी के पक्ष में इनका झुकाव अनोखा है। 2014 के मुकाबले वहां बीजेपी का हिंदू सपोर्ट बेस 2019 में 21% से बढ़कर 57% तक पहुंच चुका है।
ममता के पक्ष में मुस्लिम हो रहे हैं एकजुट
बंगाल में पांच साल के भीतर बीजेपी के हिंदू वोटरों में 36% का इजाफा हुआ है, तो इसी दौरान टीएमसी के मुस्लिम वोटरों की तादाद भी 30% बढ़ गई है। यानी बंगाल में पूरी तरह से हिंदू और मुस्लिम वोटरों का मोदी और ममता के पक्ष में ध्रुवीकरण हो चुका है। 2014 में टीएमसी के साथ 40%, लेफ्ट फ्रंट के साथ 31% और कांग्रेस के साथ 24% मुस्लिम वोटर थे। लेकिन, 2019 में कुल 70% मुस्लिम वोटर टीएमसी के साथ जुड़ गए। बुधवार को ईद के जश्न के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से दिया गया 'जो हमसे टकराएगा, वो चूर चूर हो जाएगा' वाला बयान भी आगे और भी मुस्लिम वोट बेस बढ़ाने का उनका मकसद साफ करता है।