केंद्र की अनुमति के बिना बनाए DG, अब लटकी तलवार

केंद्र की अनुमति के बिना राज्य के दो वरिष्ठ आईपीएस को डीजी बनाने के बाद अब उनके प्रमोशन पर तलवार लटकती नजर आ रही है। गृह विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो स्पेशल डीजी आरके विज और निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता का प्रमोशन राज्य सरकार ने केंद्र की अनुमति के बिना कर दिया था। छह महीने तक राज्य सरकार बिना अनुमति के डीजी पद पर नियुक्ति कर सकती है। अब वित्त विभाग की आपत्ति आने के बाद संकट के बादल छा गए हैं। हालांकि पुलिस मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि डीजी नक्सल आपरेशन गिरधारी नायक जून में रिटायर हो रहे हैं।

वहीं, पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के एमडी एएन उपाध्याय अगस्त में रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में आरके विज और मुकेश गुप्ता का डीजी पद बच सकता है। सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार ने निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता की विभागीय जांच शुरू की है। उनको तीन जून को हाजिर होने का फरमान डीजीपी डीएम अवस्थी ने दिया है। ऐसे में जून में गिरधारी नायक के रिटायर होने के बाद आरके विज को तो सरकार एडजेस्ट कर लेगी, लेकिन मुकेश गुप्ता का डीजी पद खतरे में है।

दोनों को विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के दिन छह अक्टूबर 2018 को अचानक डीपीसी करके एडीजी से डीजी बना दिया गया था। प्रदेश में डीजी के दो पद होने के कारण चार डीजी बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में डीजीपी डीएम अवस्थी के अलावा स्पेशल डीजी नक्सल आपरेश गिरधारी नायक, डीजी ईओडब्ल्यू बीके सिंह और डीजी संजय पिल्ले हैं।

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