राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत अपने बेटे वैभव भी नहीं जिता पाए

लोकसभा चुनाव 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रवाद की लहर के चलते राजस्थान की सभी 25 संसदीय सीटों पर कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है। करीब पांच माह पूर्व प्रदेश की सत्ता संभालने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए लोकसभा चुनाव परिणाम बड़ा झटका है। गहलोत खुद के विधानभा क्षेत्र सरदारपुरा से भी अपने बेटे और जोधपुर से कांग्रेस उम्मीदवार वैभव गहलोत को नहीं जिता सके। गहलोत के विधानसभा क्षेत्र से वैभव गहलोत की 18 हजार 827 वोटों से हार हुई। जोधपुर संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शेखावत ने वैभव गहलोत को दो लाख 70 हजार 114 वोटों से हराया है।
भाजपा के संस्थापक सदस्य जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह कांग्रेस के शामिल होकर भी संसद में नहीं पहुंच सके। स्वाभिमान का नारा देते हुए करीब छह माह पूर्व भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए मानवेंद्र सिंह ने बाड़मेर-जैसलमेर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। लेकिन मानवेंद्र सिंह भाजपा के कैलाश चौधरी से तीन लाख 23 हजार 808 वोटों से हार गए।
 
प्रदेश की हॉट सीटों में से एक अलवर से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खास और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह भाजपा के बाबा बालकनाथ से चुनाव हार गए। पूर्व सीएम और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह पांचवी बार संसद में पहुंचे हैं। उन्होंने भाजपा के प्रमोद शर्मा को हराया। केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह जयपुर ग्रामीण सीट से चुनाव जीत गए। नागौर सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल चुनाव जीते हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की 25 सीटों में 24 पर भाजपा ने चुनाव लड़ा और एक नागौर सीट एनडीए में हाल ही में शामिल हुए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल के लिए छोड़ी थी। भाजपा के सभी 24 प्रत्याशियों के साथ बेनीवाल ने भी जीत दर्ज की है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 25 सीटें जीती थी। 

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