मोदी लहर में ढह गए दिग्गजों के किले, बंसीलाल, देवीलाल, भजनलाल और हुड्डा परिवार हारें

मोदी लहर का जादू एक बार फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। इस लहर में हरियाणा के दिग्गज राजनीतिक घरानों के किले ढह गए। हरियाणा के चार पूर्व सीएम बंसीलाल, देवीलाल, भजनलाल और हुड्डा परिवार चुनाव हार गए। कुछ की तो जमानत तक जब्त हो गई। वहीं सितंबर में होने जा रहे हरियाणा विधानसभा चुनाव पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। ऐसे में इन राजनीतिक घरानों के लिए अपना अस्तित्व बचाने की चुनौती खड़ी हो गई है। 
पूर्व सीएम देवीलाल के तीन पोते दुष्यंत चौटाला हिसार से, दिग्विजय चौटाला सोनीपत से और अर्जुन चौटाला कुरुक्षेत्र से चुनाव मैदान में थे। दुष्यंत और दिग्विजय जजपा की सीट पर चुनाव लड़ रहे थे तो अर्जुन इनेलो की सीट पर पहली बार चुनाव मैदान में थे। इनमें से महज दुष्यंत चौटाला अपनी जमानत बचा सके। बाकी दोनों की जमानत तक जब्त हो गई। सोनीपत से चुनाव लड़ रहे दिग्विजय चौटाला को महज 4.53 प्रतिशत वोट मिले। तो अर्जुन चौटाला को 4.93 प्रतिशत वोट मिले। वहीं दुष्यंत चौटाला को 24.51 प्रतिशत वोट मिले। दोफाड़ हुई इनेलो के लिए अब बड़ी चुनौती विधानसभा चुनाव है। दो फाड़ होने के बाद दल की ताकत कम हो गई है, जिसका अहसास उन्हें इस चुनाव में हो गया है। इनेलो का एक भी उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में कामयाब नहीं हो सका। 
हरियाणा में दिग्गज नेता रहे भजनलाल के परिवार की ताकत भी हिसार में कम हो गई है। इसका उदाहरण बीते समय में हुए दो चुनाव में देखने को मिला है। यहां से चुनाव लड़े भजन लाल के पोते भव्य बिश्नोई तीसरे स्थान पर रहे। उन्हें महज 1 लाख 84 हजार 369 वोट मिले। जो कुल वोट प्रतिशत का 15.63 था। उनकी जमानत जब्त हो गई। इससे पहले हिसार में हुए निगम चुनाव में भी उनकी समर्थन कांग्रेस उम्मीदवार को नहीं जीता पाया। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव उनके लिए खतरे की घंटी है। 

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