कृषि मंत्री ने नहीं दी प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति
कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले के आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दिये बिना ही फाइल लौटा दी. बैंक के पूर्व महाप्रबंधक जयदेव सिंह के खिलाफ एफआइआर की अनुमति की मांग से संबंधित फाइल दो महीने तक मंत्री के पास पड़ी रही.
जनवरी से ही प्राथमिकी दर्ज करने की कोशिश की जा रही है. को-ऑपरेटिव बैंक में हुए घोटाले की जांच में इस अधिकारी को भी दोषी पाया गया था. सहयोग समितियों के पूर्व निबंधक की अध्यक्षता में गठित समिति ने 2018 में मामले की जांच की थी.
इसमें पाया गया था कि बतौर महाप्रबंधक जयदेव सिंह ने सुनियोजित साजिश कर 1.23 करोड़ की एक ही योजना को छह टुकड़ों में बांट कर विभागीय स्तर पर काम कराने और भुगतान में मदद की थी. तब सरकार ने दोषी पाये गये अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया था. इसके आलोक में राजेश कुमार तिवारी सहित अन्य के खिलाफ जनवरी, 2019 में प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है.