चुनावों को जीतने के लिए कौन से अहम मुद्दे गायब हो गए हैं?

पांच बुनियादी मुद्दे जिन पर देश के नेताओं को चुनाव लड़ना चाहिए पाकिस्तान को उड़ा देने की नारेबाज़ी, देशभक्ति और देशद्रोह के बीच एयरस्ट्राइक के शोर-गुल के चलते इन चुनावों में कुछ मुद्दे गायब हो गए। इन गायब मुद्दों में सबसे बड़ा मुद्दे है ये - शिक्षा वर्ल्डबैंक की रिपोर्ट के अनुसार साल 2014 में GDP का कुल 3.1 हिस्सा शिक्षा पर खर्चा किया गया जो 2018 में कम हो क्र 2.7% कर दिया . मतलब है साफ़ की नई इंडिया के दावों में कुछ भी हो , कम से कम शिक्षा शामिल नहीं है .दूसरे देश जिनसे बार बार भावावेश में हम तुलना करने लगते हैं .उन मे से चीन 2017 के हिसाब से शिक्षा पर GDP का 4% से ज़्यादा और USA GDP का 5.4% खर्च करता है . स्वास्थ्य व्यवस्था नैश्नल हेल्थ प्रोफाइल के अनुसार भारत में आज 11088 व्यक्ति पर सिर्फ एक एलोपैथिक डॉक्टर है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 1000 व्यक्ति पर एक डॉक्टर होना चाहिए। हर राज्य में यह औसत अलग-अलग है लेकिन सबसे बुरी हालत देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की है। ख़राब इलाज के कारण देश में प्रतिदिन 4300 लोग मरे जाते हैं वहीँ प्रति साल सुरक्षा गुणवत्ता में कमी के कारण एक लाख लोगो में से 122 लोग अपनी ज़िन्दगी खो देते हैं तीसरा मुद्दा पेयजल संकट भारत सरकार ने 2018-19 में साफ पानी के लिए 22,356 करोड़ रुपए खर्च किए. भारत सरकार ने पानी के लिए योजनाए चलाई इन सब के बावजूद भी आज भी हमारे देश में लगभग 60 करोड़ लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं। नीति आयोग ने “कंपोजिट वाटर रिसोर्सेज मैनेजमेंट” के नाम से एक रिपोर्ट जारी की है। भूजल पानी का संसाधन, जो हमारी पानी की आपूर्ति का 40% हिस्सा रखते हैं, तेज़ी से कम हो रहे हैं। वाटर क्वालिटी इंडेक्स में 122 देशों की सूची में हम 120वे नंबर पर हैं। शहरों में भी केवल 50% लोगों को साफ पानी उपलब्ध है। 70% पानी प्रदूषित है। 75% परिवारों के पास अपने परिसर में पीने का पानी नहीं है।इस मामले में बांग्लादेश की हालत हमसे कहीं ज़्यादा बेहतर है। रिपोर्ट के मुताबिक नई दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई सहित 20 से अधिक शहरों में 2020 तक भूजल संसाधन खत्म हो जाएंगे, जिससे 10 करोड़ लोग प्रभावित होंगे।लेकिन फिर भी चुनावो में मुद्दा नहीं बन पाया यहां तक कि भारत के 90 शहरों में पीने के लिए पर्याप्त स्वच्छ पानी नहीं है। हमारे देश के गाँवों में एक लाख से अधिक घरों में रहने वाले पांच करोड़ से भी अधिक लोगों के पास आज भी स्‍वच्‍छ पेयजल की सुविधा नहीं है। गाँवों में 15% परिवार बिना ढके हुए कुओं पर निर्भर करते हैं। गाँवों के 85% पेयजल संसाधन भूमिगत जल पर आधारित है। गाँवों की केवल 30.80% आबादी के पास ही नल के पानी की सुविधा है। 2030 तक भारत की लगभग 40% आबादी के पास पीने का पानी नहीं होगा और साथ ही पानी की किल्लत की वजह से हमारी जीडीपी 6% तक गिर जाएगी। साफ पानी के अभाव की वजह से भारत में हर साल लगभग 200000 लोगों की मौत होती है। अगर अब भी चुनावों में पेयजल को एक गंभीर मुद्दे की तरह नहीं देखा जा रहा है तो यह एक गंभीर स्थिति है। चौथा मुद्दा प्रदूषण आज विश्व के सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर भारत ke ही हैं।शीर्ष 10 प्रदूषित शहरों में नौ शहर हमारे देश के हैं।भले ही स्वच्छ और स्वस्थ भारत के नारे देश में गूंज रहे हो लेकिन हाल कुछ और है बढ़ते industrlisation से जहां देश की अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी हुई है, वहीं प्रदूषण में भी इज़ाफा हुआ है। आज विश्व के सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर भारत ke ही हैं। ‘स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर’ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में वायु प्रदूषण के कारण सबसे ज़्यादा लोगों की मौत होती है पांचवा मुद्दा न्यूनतम वेतन चुनाव आते हैं तो पाकिस्तान, हिन्दू -मुस्लिम, राम मंदिर आदि, मुद्दे बन जाते हैं. असल में जो मुद्दा है उसको नज़रअंदाज़ किया जा रहा है और उस में से एक है भूखमरी एक रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा कुपोषित लोग भारत में ही है 194. 6% मिलियन लोग आज भी “New India” में रोज़ भूखे सोते हैं भारत में अभी भी 5 साल से काम उम्र के 30.7% बच्चे अंडरवेट है इसका कारण क्या हो सकता है, क्या आपको पता है ? कई कारणों में से एक है ''आय'' आज के New India में ऐसे बहुत लोग हैं जिन्हे आठ घंटे काम करने के बाद महीने के आखिर में केवल 5000-10000 रुपए ही मिलते हैं।कुछ लोगों को तो इससे भी कम सैलरी मिलती है। सबसे बुरा हाल हमारे देश के चौकीदारों का है। इनको 12 घंटे ड्यूटी के बदले महीने के सिर्फ लगभग 10,000 रुपये मिलते है, फिर इन मुद्दों पर बात कर राजनितिक पार्टिया आपके अधिकार का हनन कर रही हैं और आपके वोट को राष्ट्रवाद और जातिवाद के नाम पर कैप्चर कर रही हैं कृपया अगर आपके पास कोई वोट मांगने आए तो एक बार उनसे सवाल ज़रूर कीजिएगा कि महोदय आपने इनमें से क्या-क्या किया है और इन मुद्दों को लेकर आपकी क्या योजना है।

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