राजस्थान सरकार ने वीर सावरकर को बताया अंग्रेजों से माफी मांगने वाला, सियासी बवाल

राजस्थान में स्कूली शिक्षा के पाठ्क्रम में हिंदुत्व के पक्षधर रहे वीर सावरकर को जेल की यातनाओं से परेशान होकर ब्रिटिश सरकार से दया मांगने वाला बताए जाने को लेकर अध्याय जोड़े जाने के बाद सियासत तेज हो गई है।
10वीं कक्षा के पाठ्क्रम में भाग संख्या-3 अंग्रेजी साम्राज्य का प्रतिकार एवं संघर्ष शीर्षक में कहा गया है कि अंग्रेजों की याताओं से तंग आकर वीर सावरकर चार बार माफी मांगकर जेल से बाहर आए थे। इसमें कहा गया है कि वीर सावरकर सेल्यूटर जेल में अंग्रेजों से माफी मांगने के बाद उनके साथ काम करने को तैयार हो गए थे। प्रदेश के स्कूली शिक्षा के पाठ्क्रम से आरएसएस के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी से जुड़े अध्याय हटाने के बाद वीर सावरकर सहित भाजपा की पसंद के अन्य महापुरूषों एवं नेताओं से जुड़े पाठ या तो हटाए गए है या फिर उनमें बदलाव किया गया है।
पाठ्क्रम में वीर सावरकर से जुड़े तथ्यों में बदलाव किए जाने के बाद राज्य में सियासी बवाल मच गया है। भाजपा ने वीर सावरकर का अपमान बताया है। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि समय-समय पर पाठ्क्रम में शिक्षाविद्धों की कमेटी के सुझावों के आधार पर बदलाव होते रहते है। वीर सावरकर को लेकर यह बात हम शुरू से ही सुनते आए है,भाजपा इतिहास को अपने हिसाब से तोड़ती-मरोड़ती रहती है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक सभा में वीर सावरकर को डरपोक,कायर और अंग्रेजों के पैर छूने वाला बताया था। इस पर पुणे में उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया था।

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