जयंत सिन्हा ने झारखंड में लिंचिंग के अभियुक्तों को मदद पर क्या सफाई दी

जून 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तरफ गाय बचाने के नाम पर हो रही लिंचिंग की कड़ी निंदा करते हुए इसे स्वीकार नहीं करने की बात कर रहे थे, तो दूसरी तरफ झारखंड के रामगढ़ में एक एक मॉब लिंचिंग की घटना हुई थी.
उस दिन अलीमुद्दीन अंसारी नामक एक व्यक्ति को कथित तौर पर गौरक्षकों ने गाड़ी से खींचकर पीट-पीटकर मार डाला था. इस घटना के बाद मामले की सुनवाई के लिए गठित फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 11 अभियुक्तों को दोषी मानकर उन्हें उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी जिनमें स्थानीय बीजेपी नेता नित्यानंद महतो भी शामिल थे. लेकिन जब ये मामला रांची हाईकोर्ट पहुंचा तो हाईकोर्ट ने इन लोगों की सज़ा पर स्टे लगाकर उन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया. जेल से छूटने के बाद हज़ारीबाग से बीजेपी के सांसद और केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने अभियुक्तों का माला पहना कर अभिनंदन किया था.

इसको लेकर BBC ने जयन्त सिन्हा से सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब दिया " जहां तक लिंचिंग की बात है तो उसे हम बिल्कुल स्वीकार नहीं करते. गैरक़ानूनी काम है. किसी को ये अधिकार नहीं है कोई क़ानून अपने हाथ में ले. ये बिल्कुल ग़लत है. अगर कोई क़ानून हाथ में लेता है तो हमारी सरकार इस पर पूरी शक्ति से क़ानूनी कार्रवाई करेगी. मैं इसके बिल्कुल विरोध में हूं. क़ानून हमारे लोकतंत्र में सर्वोपरि है."

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