भाजपा विधायक नहीं चाहते लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव, बताया बड़ा कारण

हरियाणा के भाजपा विधायक लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव नहीं कराने को लेकर एकमत हैं। इन विधायकों को लगता है कि यदि लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव करा दिए गए तो राजनीतिक तौर पर उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। करीब नौ माह तक पद पर बने रहने की चाह विधायकों को लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव कराने से रोक रही है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में अधिकतर विधायकों ने कहा कि विधानसभा चुनाव समय पर ही कराए जाने चाहिए। मनोहर लाल सरकार का कार्यकाल अक्टूबर 2019 में पूरा हो रहा है। लोकसभा चुनाव भी इसी साल अप्रैल में प्रस्तावित हैं।
जींद उपचुनाव के नतीजे भाजपा के हक में आने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी करा सकती है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल हालांकि पहले साफ मना कर रहे थे कि चुनाव एक साथ नहीं होंगे, लेकिन जींद के नतीजों के बाद जब भाजपा के हक में माहौल बना तो उन्होंने केंद्र के इशारे के हिसाब से चुनाव कराने के संकेत दिए। इसके बावजूद भाजपा ने पार्टी के विधायकों से राय ली। इसके बाद साफ हो गया कि लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव नहीं कराए जाएंगे।
दरअसल, मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल अक्टूबर तक है। अधिकतर भाजपा विधायक इसलिए अपना कार्यकाल पूरा करना चाहते हैं, क्योंकि अगले चुनाव में उन्हें अपनी टिकट कटने का डर है। उनकी सोच है कि यदि किसी कारण से पार्टी ने टिकट नहीं दी तो कम से कम वह नौ माह विधायक पद पर बने रहकर परिस्थितियों को अपने अनुकूल कर सकते हैं।

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