बजट से उम्मीदें: कर्मियों को आस, बजट में तोहफे मिलेंगे खास

हिमाचल प्रदेश के तीन लाख से अधिक नियमित, अनुबंध, अस्थायी व आउटसोर्स कर्मचारियों को बजट से खास उम्मीदें हैं। उन्हें उम्मीद है कि बजट में खास तोहफे दिए जाएंगे। कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें नया वेतनमान केंद्रीय आधार पर दिया जाए। वेतनमान को लेकर राज्य पंजाब सरकार के साथ जुड़ा हुआ है। वहां आयोग की सिफारिशें आने और इन्हें लागू होने में काफी समय लगेगा। इस कारण पहाड़ी प्रदेश के सरकारी कर्मियों के सब्र का बांध टूट रहा है।
कर्मचारी राज्य सरकार के नौ फरवरी को पेश होने वाले बजट से आस लगाए बैठे हैं कि उस दिन जरूर नई घोषणा होगी। वे अलग वेतन आयोग गठित करने का भी आग्रह कर रहे हैं। टाइम स्केल के मामले अब तक अनसुलझे हैं। पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर कर्मचारी आंदोलित हैं। केंद्र ने अंतरिम बजट में कामगारों को भी पेंशन देने की व्यवस्था की है। ऐसे में नियमित कर्मी पुरानी पेंशन से कैसे वंचित रहेंगे? इस सवाल को प्रदेशभर में उठाया जाने लगा है।
वर्ष 2003 के बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों को नई पेंशन प्रणाली लागू की गई है। कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग कर रहे हैं। अनुबंध कर्मी चाहते हैं कि तीन साल का नियमितीकरण समय घटाकर दो साल किया जाए। क्लर्कों को नियमित होने के बाद भी आर्थिक लाभ पूरी तरह नहीं मिल पाते हैं। इन पर लगा दो साल का राइडर हटा दिया जाए। दिहाड़ीदारों की मांग है कि उनके नियमितीकरण की अवधि पांच से तीन साल की जाए।

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