क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) पर वार्ता निर्णायक दौर में है और भारत इसके व्यापक प्रारूप पर टिके रहने के साथ ही चीन से ज्यादा रियायत मांगने पर विचार कर रहा है.
नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में इस सप्ताह हुई एक समीक्षा बैठक में यह फैसला किया गया कि भारत वार्ता का हिस्सा बना रहेगा लेकिन वह इसमें अपने लिए कई तरह की राहत की मांग करेगा.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 10 से 12 अक्टूबर तक बैंकॉक में भारत का यह पक्ष रख सकते हैं.
आरसीईपी भारत का सबसे महत्त्वाकांक्षी समझौता है जिस पर अभी वार्ता चल रही है.
यह आसियान के 10 देशों के साथ भारत के मौजूदा मुक्त व्यापार समझौते पर आधारित है और इसमें वे सभी देश शामिल होंगे जिनके एशियाई देशों के साथ व्यापारिक समझौते हैं.