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जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास के लिए मोदी सरकार ने बनाया प्लान
केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा संसद में धारा 370 (Article 370) हटाने की घोषणा के एक महीने बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) और लद्दाख (Ladakh) के हालात का प्रशासन और अलग-अलग एजेंसियों ने आकलन किया है. जबकि अगले एक महीने में राज्य में कुछ महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं. सरकार की जम्मू-कश्मीर में मूलभूत सुविधाओं का विकास (Development) और रोजगार (Employment) पहली प्राथमिकता है.
>>स्वास्थ्य: ये सरकार के सबसे महत्वपूर्ण फोकस एरिया में हैं. इसमें डॉक्टर्स, नर्सों और लैब टेस्ट टोकनीशियन भर्ती की जाएगी. जबकि यही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में तैनात होते हैं, जोकि फिलहाल सबसे बड़ी जरूरत है.
>>शिक्षा: ये सरकार का दूसरा प्रमुख फोकस एरिया है. सरकारी स्कूलों में वहीं रह रहे लोगों की नियुक्ति की जाएगी. टीचरों की ये नियुक्तियां प्राइमरी और सेकेंडरी लेवल पर होंगी.
>>पुलिस: यह सरकार का तीसरा फोकस एरिया है. सबसे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस के 4000 स्पेशल प्रोटेक्शन ऑफिसर के पद पर जो रिक्तियां हैं उनको भरा जाएगा. इसके अलावा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की स्थानीय बटालियन बनाने की सरकार की योजना है.
बहरहाल, भारत सरकार के अधीन जितने भी मंत्रालय आते हैं उन्होंने जम्मू- कश्मीर और लद्दाख से जुड़ी स्पेसिफिक परियोजनाओं का खाका गृह मंत्रालय को सौंप दिया है. जबकि मंत्रालय जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पोटेंशियल एरिया की पहचान कर उसका विकास करेगा.