जलवाहकों को करने पड़ेंगे स्कूल के अन्य काम,बदलेगा पदनाम

 सीएम जयराम ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मल्टी टास्क वर्कर (एमटीडब्लयू.) नियुक्त किए जाएंगे। इस संबंध में प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है तथा आगामी समय में इस पर फैसला लिया जाएगा। सीएम  ने आज प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में कहा कि जलवाहकों के पद कर्मचारी के नियमित होने पर समाप्त हो जाते हैं। जलवाहकों का ड्राइंग कैडर है तथा पात्रता होने के बावजूद जलवाहकों के पदों पर नियुक्तियां करने में अब समस्या आ रही है।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में जलवाहक रखने के लिए वर्ष 1990 में एक नीति बनाई गई थी। उस दौर में स्कूलों में पानी की किल्लत हुआ करती थी तथा स्कूली बच्चों को पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जलवाहक नियुक्त किए जाते थे। लेकिन वर्तमान में सभी सरकारी स्कूलों में पानी की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है और जलवाहकों का अधिक काम नहीं रह गया है। स्कूलों की साफ-सफाई व अन्य कामों को निपटाने के लिए आज के दौर में मल्टी टास्क वर्करों की आवश्यकता महसूस की जा रही है और इसे देखते हुए सरकार एमटीएम वर्कर नियुक्त करने पर विचार कर रही है।
इससे पहले भाजपा विधायक इंद्र सिंह के मूल सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश में अंशकालीन जलवाहकों के 355 पद रिक्त चल रहे हैं। इनमें 260 पद प्रारंभिक शिक्षा और 95 पद उच्चतर शिक्षा में रिक्त हैं। भारद्वाज ने कहा कि अंशकालीन जलवाहकों की नियुक्तियां नियम-12 और नियम-5 के तहत की जाती हैं। नियम-12 में सीएम को अंशकालीन जलवाहक नियुक्त करने का विशेष अधिकार रहता है। प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगला देवी की याचिका पर 15 मई 2015 को नियम-12 को निरस्त कर दिया था। इसके बाद जलवाहकों की नियुक्तियां बंद हो गई थीं। इस पर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अपील की और उच्चतम न्यायालय ने हाईकोर्ट के निर्णय पर स्टे लगा दिया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि 17 जनवरी, 2019 को प्रदेश सरकार ने अंशकालीन जलवाहकों के 355 पद भरने की अनुमति दी। भारद्वाज ने कहा कि जलवाहकों का डाइंग कैडर है। अंशकालीन जलवाहक पार्ट टाइमर रखे जाते हैं। आठ साल के बाद वे दैनिक भोगी बनाए जाते हैं और 14 साल में नियमित कर दिए जाते हैं। नियमित होने के साथ ही जलवाहक का पद समाप्त हो जाता है।
सरकाघाट के विधायक इंद्र सिंह के सवाल के जवाब में सिंचाई व जनस्वास्थ्य मंत्री तथा सैनिक कल्याण मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में भूतपूर्व सैनिक कोटे के 4265 पद रिक्त चल रहे हैं तथा इन पदों को जल्द भरा जाएगा। विभिन्न विभागों में ये पद 15 फीसदी रोस्टर के तहत भरे जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों को भी उनके कोटे की समय रहते नौकरियां मिल सके तथा जहां भी प्रावधान होगा, वहां इस बारे में प्रयास होंगे।
उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों की 16, 18 या 20 साल की उम्र में सेना में एनरोलमेंट हो जाती है। 15 साल की नौकरी के बाद उनकी उम्र 32 से 35 साल हो जाती है। ये अपने-अपने नाम का पंजीकरण हमीरपुर में करवाते हैं। इनके लिए सरकारी नौकरी में 15 प्रतिशत का रोस्टर जारी किया गया है। 15 साल तक ये सेना में सेवाएं देते हैं तो कहा जाता है कि इन्हें सिविल का ज्ञान नहीं है। इसके लिए प्रदेश में बनने वाली सैनिक अकादमी में इन्हें एक माह 

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