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देश की टॉप ब्यूरोक्रेसी में झारखंड कैडर के IAS की धाक, केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर हैं तैनात

झारखंड की धमक हर क्षेत्र में बढ़ रही है। राज्य की विकास दर हो या नीति आयोग की रैंकिंग, स्वच्छता के पैमाने पर भी राज्य विकसित प्रदेशों को टक्कर दे रहा है। यही नहीं, देश की टॉप ब्यूरोक्रेसी में भी झारखंड कैडर के तेजतर्रार और परिणाम देने वाले अधिकारियों की तूती बोल रही है। एक मायने में इनके द्वारा लिए जा रहे नीतिगत फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया की परिकल्पना को साकार करने में जुटे हैं।
एक कतार से भारतीय प्रशासनिक सेवा के ऐसे अधिकारी केंद्र सरकार में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अहम विभागों में इनकी तैनाती से झारखंड की छवि भी निखरी है। इससे राज्य के नौकरशाहों के बारे में भी बेहतर संदेश पूरे देश में गया है। केंद्र सरकार के नवनियुक्त कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव अमित खरे, केंद्रीय वित्त सचिव राजीव कुमार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन एनएन सिन्हा ऐसे ही अधिकारियों में शुमार हैं।
टीम मोदी के सिपहसालार
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल के शिल्पकारों में शामिल राजीव गौबा बने कैबिनेट सचिव
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल के प्रमुख शिल्पकारों में से एक राजीव गौबा देश के अगले कैबिनेट सचिव होंगे। उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी गई है। पंजाब में जन्मे और पटना यूनिवर्सिटी से भौतिकी में स्नातक राजीव गौबा जम्मू-कश्मीर को संविधान के अनुच्छेद-370 के तहत मिले विशेष दर्जा को हटाने संबंधी नीतिगत फैसलों के शिल्पकार रहे हैं।
झारखंड के मुख्य सचिव रहे राजीव गौबा नीति निर्माण में माहिर हैं। उन्होंने अंतरराष्ट््रीय संगठनों संग भी कार्य किया है। चार साल तक वे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के प्रतिनिधि रहे। बतौर केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने आंतरिक सुरक्षा, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोतर के राज्यों में आंतकवाद, मध्य और पूर्वी भारत में नक्सलवाद के अलावा अन्य महत्वपूर्ण मसलों की जिम्मेदारी संभाली है। वे केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के भी सचिव रह चुके हैं।
सचिव, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की कमान संभाले हैं अमित खरे
अमित खरे अपने नाम के अनुरूप हैं बिल्कुल खरे हैं। कड़क और ईमानदार प्रशासनिक अधिकारी की उनकी छवि है। उन्होंने ही कुख्यात पशुपालन घोटाले का पर्दाफाश किया था। वे केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव के पद पर तैनात हैं। उन्होंने काफी कम अवधि में बेहतरीन परिणाम दिया है। उन्होंने झारखंड समेत दस अन्य राज्यों को डीडी फ्री डिश प्लेटफार्म पर लाने में सफलता पाई। डीडी नेशनल और डीडी न्यूज हाइ डेफिनेशन (एचडी) ब्राडकास्टिंग में तब्दील हुआ। डीडी फ्री डिश की लांचिग हुई जिससे 450 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति हुई।
 
निजी एफएम रेडियो प्रसारकों को ऑल इंडिया रेडियो के न्यूज बुलेटिन प्रसारित करने और 200 से ज्यादा एफएम स्टेशन को अनुमति मिली। झारखंड-बिहार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके अमित खरे के कार्यकाल में नेशनल म्यूजियम ऑफ सिनेमा (एनएमआइसी), मुंबई का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। फिल्म पाइरेसी से निपटने के लिए मंत्रालय ने सिनेमेटोग्र्राफ एक्ट, 1952 में संशोधन का प्रस्ताव दिया। प्रधानमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट का शिलान्यास किया। इसके अलावा मंत्रालय ने राष्ट्रपति के चुनिंदा भाषणों का संग्रह लोकतंत्र के स्वर समेत कई विषयों पर पुस्तकों का भी प्रकाशन किया।
राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास है एनएन सिन्हा के हवाले
1987 बैच के झारखंड के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एनएन सिन्हा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के चेयरमैन हैं। झारखंड-बिहार में कई अहम पदों पर रहे एनएन सिन्हा को आधारभूत संरचना निर्माण के क्षेत्र में महारत हासिल है। झारखंड में सड़कों का कायाकल्प भी इन्हीं के नेतृत्व में हुआ है। वे नेशनल हाइवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के एमडी के तौर पर भी बेहतरीन परिणाम दे चुके हैं। फिलहाल देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर चल रही परियोजनाएं इनके निर्देशन में चल रही हैं। देशभर मेें राष्ट्रीय राजमार्ग का दायरा लगभग 50 हजार किलोमीटर है, जिसकी देखरेख एनएचएआइ के जिम्मे हैं। इसके अलावा एनएचएआइ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग योजनाओं पर काम कर रही है।
राजीव कुमार केंद्रीय वित्त सचिव
1984 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राजीव कुमार केंद्रीय वित्त सचिव के पद पर तैनात हैं। वे ज्यादातर वक्त केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे हैं। उन्होंने झारखंड भवन नई दिल्ली में रेसिडेंट कमिश्नर समेत अन्य पदों पर भी अपनी सेवाएं दी है। राजीव कुमार विधि स्नातक समेत पब्लिक पॉलिसी विषय में स्नातकोत्तर हैं।
 
 

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