विधायक कोष का मामला - नेता प्रतिपक्ष के खत के बाद फाइल वित्त विभाग के पास भेजी गई

राजस्थान की पंद्रहवीं विधानसभा में विधायकों को निर्वाचित हुए सात महीने से ऊपर हो गया है, लेकिन एक भी विधायक को विधायक फंड की धनराशि नहीं मिली है। अब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के खत के बाद ग्रामीण विकास विभाग ने फिर से वित्त विभाग को फाइल भेजी है। इससे पहले भी विभाग दो बार फाइल भेज चुका था, लेकिन बिना धनराशि के स्वीकृति के बार-बार विधायक फंड की फाइल ग्रामीण विकास विभाग आ जाती थीं।

ग्रामीण विकास विभाग के मुताबिक इस वर्ष जनवरी, फरवरी और मार्च को एक भी विधायक को विधायक कोष की धनराशि जारी नहीं की थी। इसके बाद अप्रैल-मई में आचार संहिता की वजह से धनराशि जारी नहीं हो सकी। लेकिन जब जून-जुलाई में ग्रामीण विकास विभाग ने फाइल भेजी, तो भी वित्त विभाग ने प्रस्ताव मंजूर नहीं किया। अब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मांग उठाई, तब ग्रामीण विकास विभाग ने फिर से विधायक कोष को लेकर वित्त विभाग को फाइल भेजी है। ग्रामीण विकास विभाग ने विधायक कोष की धनराशि में से पहली किस्त के रूप में आधी धनराशि जारी करने का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा है।

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आपको बता दे कि प्रत्येक विधायक को सवा दो करोड़ रुपये की प्रतिवर्ष धनराशि विधायक कोष के तहत विकास कार्य करने के लिए आवंटित होती है। इस धनराशि के जरिये ही विधायक अपने क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्य करवा पाता है। लेकिन अब सवाल यह है कि इस वित्तीय विर्ष के पूरा होने में सात महीने बचे है और क्या विधायक अपने कोष की पूरी राशि का उपयोग कर सकेंगे।

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