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विकास कार्यो में हुई गड़बड़ी तो अब इन लोगों पर भी गिरेगी गाज

प्रदेश की पंचायतों में विकास कार्यों में गड़बड़ी पाए जाने पर पंचायत प्रधान के साथ सचिव, जेई और तकनीकी सहायक सस्पेंड होंगे। अभी तक पंचायतों में गडबड़ी पाए जाने के अधिकतर मामलों में पंचायत प्रधान पर ही कार्रवाई होती रही है। अब विकास कार्यों के लिए पंचायत सचिव, जेई और तकनीकी सहायक की भी जिम्मेदारी तय कर दी है।
विधानसभा में पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र्र सिंह कंवर ने कहा कि विधायक और सांसद निधि का पैसा पंचायतों के खाते में पहुंचने के एक माह के भीतर विकास कार्य शुरू करना होगा जिसके लिए फंड दिया है। यदि विकास कार्य को शुरू नहीं किया तो ब्लॉक से पंचायत को नोटिस जारी किया जाएगा। नोटिस के 15 दिन के भीतर भी यदि कार्य शुरू नहीं किया जाएगा तो पंचायती राज विभाग उस विकास कार्य के लिए टेंडर कर देगा। वीरेंद्र कंवर वीरवार को विधानसभा में भाजपा के विधायक बलबीर सिंह द्वारा प्रस्तुत किए  हम ऊर्जा लगाएगी लाइटें अब प्रदेश की पंचायतें अपने स्तर पर स्ट्रीट लाइटें नहीं लगा पाएंगी।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि स्ट्रीट लाइटें लगाने को लेकर हिम ऊर्जा के साथ एमओयू हुआ है। हिम ऊर्जा पंचायतों में लाइटें लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया करेगा।  पंचायतों में लगने वाली लाइटों की पांच साल की वारंटी होगी। इस अवधि तक इसकी पूरी जिम्मेदारी कंपनी या ठेकेदार की होगी।
कंवर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सदन में पंचायतों से जुड़ी जितनी भी शिकायतें आई हैं उनकी 15 दिन में जांच कर कार्रवाई की जाए। संकल्प पर चर्चा के दौरान विधायक रमेश धवाला, हर्षवर्धन चौहान, विक्रम सिंह जरियाल, सुखराम चौधरी, रामलाल ठाकुर ,जगत सिंह नेगी, किशोरी लाल, सुखविंदर सिंह, मोहन लाल, आइडी लखनपाल ने पंचायतों के सचिव, जेई और तकनीकी सहायकों पर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए। 
कंवर ने कहा कि पंचायतों में मैटीरियल की गुणवत्ता और दाम को लेकर भी उचित कदम उठाए हैं। निर्माण सामग्री को लेकर लोनिवि का पैटर्न अपनाया है। इसके अलावा पंचायतों को बीएसआइ मार्का इंटर लॉकिंग टाइल लगाने के निर्देश दिए गए हैं। यदि कोई पंचायत इसके अलावा किसी और मार्का की घटिया टाइल लगाती है तो पंचायत को नोटिस जारी किया जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगा।  

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