उपचुनाव से पहले 'मंत्रिमंडल विस्तार' से क्या बदलेगा समीकरण?

उत्तर प्रदेश की करीब ढाई वर्ष पुरानी योगी आदित्यनाथ सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार अरुण जेटली की तबीयत बिगड़ने की वजह से स्थागित कर दिया गया. वहीं नई तारीख का ऐलान कुछ दिनों में किया जाएगा. दरअसल यूपी विधानसभा की 13 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव से पहले 'मंत्रिमंडल विस्तार' पूरी तरह जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर किया जाएगा. क्योकि भाजपा की जीत के पीछे एक बड़ी जिम्मेदारी पूरी तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कंधों पर रहेगी.लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रतन मणि लाल ने न्यूज18 से बातचीत में बताया कि मंत्रिमंडल विस्तार पूरी तरह से क्षेत्रीय और जातियां समीकरण के काॅकटेल पर आधारित होगा.
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आत्मविश्वास का मैसेज
लाल कहते हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार में किसी एक जाति को पर फोक्स न करते हुए क्षेत्रीयता पर ज्यादा ध्यान रखा गया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में हर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व हो जाए, वहीं जाति का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता है. राजनीतिक विश्लेषक के मुताबिक हर जिले में पार्टी के हार का परफॉर्मेंस खराब रहा है, वहीं पार्टी ने वहां के भी कार्यकर्ता को मौका दे सकती है, जिससे क्षेत्र की जनता का विश्वास बीजेपी से बना रहे.  रतन मणि लाल ने बताया कि मंत्रिमंडल विस्तार से पार्टी क्षेत्र में आत्मविश्वास का मैसेज देने का काम करेगी.
 
इन संभावितों नामों पर लग सकती हैं मुहर 

मंत्रिमंडल में संभावितों के नामों पर मुहर लगनी शुरू हो गई है. सूत्रों का कहना है कि इसमें सबसे पहला नाम है मुजफ्फरनगर से विधायक कपिल देव अग्रवाल का. साथ ही बुलंदशहर की शिकारपुर सीट से विधायक अनिल शर्मा का नाम पर लगभग फिक्स माना जा रहा है. वहीं आगरा से विधायक उदय भान सिंह को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने की संभावना है.
 
 
एमएलसी अशोक कटारिया का भी मंत्री बनन तय
 
 
 
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फतेहपुर सीकरी विधानसभा सीट से  विधायक हैं उदय भान सिंह. पूर्वांचल के सतीश द्विवेदी का नाम भी तेजी से चर्चा में  है. वहीं माता प्रसाद पाण्डेय को हरा कर विधायक बने सतीश द्विवेदी और दल बहादुर कोरी को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. एमएलसी अशोक कटारिया का भी मंत्री बनन तय माना जा रहा है.  बीजेपी संगठन में अशोक कटारिया की मजबूत पकड़ है.

योगी सरकार में फिलहाल 46 मंत्री

बता दें कि योगी सरकार में फिलहाल कुल 46 मंत्री हैं. इनमें 24 कैबिनेट, 13 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 13 राज्यमंत्री हैं. चूंकि चार कैबिनेट मंत्रियों के पद खाली हुए हैं. दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने चार मंत्रियों सहित सात विधायकों को मैदान में उतारा था.

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