भूपेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में बड़ी लापरवाही, फंड के अभाव में रुका गौठान निर्माण

छत्तीसगढ़ सरकार  ने चार चिन्हारी के रूप में नरवा गरवा घुरवा और बारी बचाने के लिए सूबे में मुहीम छेड़ रखी है. लेकिन जिस तरह से ग्राम अमरताल में गौठान बनाने में लेटलतीफी और लापरवाही उजागर हुई है, उससे ऐसा नहीं लगता है कि चार चिन्हारी में से एक चिन्हारी गाय को बचाया जा सकता है. क्योंकि ग्राम अमरताल में गौठान नहीं बनने से सड़क में बैठे हुए मवेशी आए दिन दुर्घटना का शिकार हो रहे है. तो वहीं गौठान नहीं बनने से मवेशी किसानों के खेतों में घुस कर धान की फसल को भी चौपट कर रहे है. फिलहाल अमरताल के ग्रामीण इस वजह से काफी परेशान है. साथ ही ग्रामीणों ने जल्द से जल्द गौठान निर्माण कराए जाने की भी मांग की है.
फंड की कमी से नहीं हो रहा निर्माण:
अमरताल के ग्रामीण और पूर्व सरपंच का आरोप है कि फंड की कमी की वजह से गौठान नहीं बन पा रहा है. तो वहीं गौठान नहीं बनने से मवेशी सड़क किनारे बैठे रहते है जिससे सड़क पर चलने वाले राहगीर मवेशियों से टकराकर दुर्घटना का शिकार हो रहे है. यहां तक ती सड़कों पर बैठे मवेशी भारी वाहनों की चपेट में आकर आए दिन दुर्घटना का शिकार भी हो रहे है. सरपंच ईश्वरी देवी का कहना है कि अमरताल ग्राम का उपेक्षा क्षेत्र के विधायक,सांसद और अधिकारी भी करते है. गांव के लिए कोई फंड ना तो सांसद देते हैं, ना विधायक और ना ही अधिकारी यहां के लिए किसी भी विकास कार्य के लिए जल्दी से फंड देते है. यही वजह है कि काम अटका पड़ा हुआ है.
अधिकारी ने कही ये बात:
सरपंच सचिव रामायण यादव भी गौठान निर्माण बंद होने का टिकरा शासन और प्रशासन पर ही फोड़ रहे है. उनका साफ साफ कहना है कि जब तक फंड नहीं आएगा, तब तक काम नहीं कराया जाएगा. अब तक जो भी पैसा हमारे पास था उसे लगाकर कार्य कराया गया है. हमे अपना ही पैसा नहीं मिला है. बाजार से उधार लेकर काम कराया गया है. अब जब सरकार से पैसा मिलेगा तभी काम आगे बढ़ेगा. वहीं इस मामले जिला पंचायत के सीईओ तीर्थराज अग्रवाल का कहना है कि ग्राम अमरताल में गौठान का काम प्रगति पर है. बारिश होने के कारण काम धीरे हो गया था. सब इंजीनियर को निर्देशित किया गया है. राशि की कोई समस्या नहीं है, मनरेगा और चौदहवें वित्त की राशि उपयोग करने की अनुमति दे दी गई है.

More videos

See All