15 अगस्त: केवल हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि दुनिया के इन चार देशों में भी मनाया जा रहा जश्न-ए-आजादी

हिंदुस्तान आज आजादी के जश्न में डूबा हुआ है. पूरा देश तिरंगे के रंग में रंगा हुआ है लेकिन एक बात जानकर आपको आश्चर्य होगा कि 15 अगस्त के दिन दुनिया के चार ऐसे मुल्क और भी हैं जहां पर आजादी का ये महापर्व मनाया जा रहा है. भारत आज अपनी आजादी का 72वीं वर्षगांठ मना रहा है. 15 अगस्त को पूरा देश आजादी का जश्न मनाता है, लेकिन भारत के अलावा भी विश्व में 4 और ऐसे देश हैं जो कि 15 अगस्त के दिन ही अपनी आजादी का जश्न मनाते हैं. यानी भारत के अलावा 4 ऐसे देश और हैं, जिन्हें 15 अगस्त को ही आजादी मिली थी.
भारत के अलावा दक्षिण कोरिया, बहरीन, लिकटेंस्टीन, और कांगो ऐसे देश हैं जो इसी दिन आजादी का जश्न मनाते हैं. दक्षिण कोरिया को 15 अगस्त, 1945 को जापान से आजादी मिली थी. बहरीन को 15 अगस्त, 1971 को ब्रिटेन से आजादी मिली थी. कांगो को 15 अगस्त 1960 को फ्रांस से आजादी मिली थी. लिकटेंस्टीन को 15 अगस्त 1866 को जर्मनी से आजादी मिली थी.
नॉर्थ एंड साउथ कोरिया
दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं. 15 अगस्त, 1945 को दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया ने जापान से आजादी हासिल की थी. यूएस और सोवियत फोर्सेज ने कोरिया को जापान के कब्जे से बाहर निकाला था. इस दिन को दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के लोग नेशनल हॉलीडे के तौर पर मनाते हैं. छुट्टी का दिन होने की वजह से इसी दिन यहां शादी करने की परंपरा चल पड़ी है
बहरीन 
15 अगस्त को ही बहरीन को आजादी मिली थी. 15 अगस्त, 1971 को बहरीन ने ब्रिटेन के कब्जे से मुक्त हुआ था. बहरीन और ब्रिटेन के बीच 15 अगस्त को ही एक संधि हुई थी, जिसके बाद बहरीन ने आजाद देश के तौर पर ब्रिटेन के साथ अपने संबंध रखे. हालांकि, बहरीन अपना नेशनल हॉलीडे 16 दिसंबर को मनाता है.
लिकटेंस्टीन
लिकटेंस्टीन ने 15 अगस्त, 1866 को जर्मनी से आजादी हासिल की थी. 1940 से यह देश 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मना रहा है. यह देश दुनिया के सबसे छोटे देशों में से एक है. महज 160 वर्ग किलोमीटर वाले इस देश की आबादी करीब 35,000 है. लिकटेंस्टीन दुनिया का जर्मन भाषी इकलौता अल्पाइन राज्य है, जो पूरी तरह से आलप्स पर स्थित है. यह इकलौता जर्मनभाषी राज्य है, जिसकी सीमा जर्मनी से नहीं मिलती है.
कॉन्गो
आज ही के दिन कॉन्गो भी आजाद हुआ था. 15 अगस्त, 1960 को अफ्रीका का यह देश फ्रांस के चंगुल से आजाद हुआ था. उसके बाद यह रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो बना. 1880 से कॉन्गो पर फ्रांस का कब्जा था. इसे फ्रेंच कॉन्गो के तौर पर जाना जाता था. उसके बाद 1903 में ये मिडिल कॉन्गो बना.
पीएम मोदी गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देने के साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी की बराबरी कर लेंगे. वाजपेयी बीजेपी के पहले नेता थे जिन्होंने 1998 से 2003 बीच लगातार छह बार लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर भाषण दिया. हताश विपक्ष बीजेपी के प्रभुत्व को चुनौती देने में नाकाम रहा है और मोदी की 2014 के मुकाबले और अधिक बहुमत से सत्ता में वापसी हुई. कई लोगों का मानना है कि वह इस अवसर का इस्तेमाल सुधार या समाज के विभिन्न वर्गों को रियायत देने की घोषणा के लिए कर सकते हैं.
ऐसा भी विचार है कि मोदी आर्थिक मंदी को लेकर जताई जा रही चिंता पर भी बोलेंगे. वह अकसर अपनी पंसदीदा परियोजनाओं जैसे स्वच्छता, भ्रूण हत्या आदि के लिए जनसमर्थन जुटाने के लिए भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक परंपराओं का उल्लेख करते हैं, लेकिन इस बार वह जल संरक्षण के विषय को प्रमुखता से उठा सकते हैं जो उनके दूसरे कार्यकाल की प्राथमिकताओं वाला एक मुद्दा है. कुछ बीजेपी नेताओं ने ध्यान दिलाया कि प्रधानमंत्री के भाषणों में अकसर चौंकाने वाली घोषणाएं होती हैं और यह स्वतंत्रता दिवस भी संभवत: इससे अलग नहीं हो.

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