राशनकार्ड को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी में झारखंड सरकार, उठा सकती है ये कदम

झारखंड में राशनकार्ड (Ration card) अब सिर्फ पांच साल तक के लिए ही मान्य होगा. पांच साल बाद कार्डधारियों को कार्ड को रिन्यूअल कराना होगा. खाद्य आपूर्ति विभाग (Food supply department) इसके लिए नियम में बदलाव करने जा रहा है. नये प्रस्ताव पर तैयारी चल रही है. विभाग के मुताबिक इस बदलाव से राशनकार्ड में फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी. साथ ही कार्ड की पारदर्शिता भी बनी रहेगी. अभी तक राशनकार्ड की वैधता की कोई सीमा नहीं है.

विभाग की ये है दलील

विभाग की माने तो वैधता की समयसीमा नहीं होने के चलते सबसे बड़ी परेशानी तब होती है, जब कार्डधारी बिना किसी सूचना के राशन लेने बंद कर देते हैं. ऐसे में उनका कार्ड रद्द करने के लिए कई नियमों से गुजरना पड़ता है. इसमें यह भी देखना होता है कि वह राशनकार्ड कितने योजनाओं से जुड़ा हुआ है. लेकिन नये नियम में अगर कार्डधारी अपने कार्ड का रिन्यूअल नहीं कराएंगे, तो कार्ड स्वंय रद्द हो जाएगा
पिछले साल 50 हजार कार्ड हुए सरेंडर  
बता दें कि पिछले साल राज्यभर में 57028 राशन कार्ड सरेंडर किये गये. ऐसा खाद्य आपूर्ति विभाग की सख्ती तथा अयोग्य लोगों को राशन, केरोसिन, चीनी व नमक पर अपना हक छोड़ने की अपील के बाद संभव हुआ. सबसे ज्यादा राशन कार्ड रांची जिले में सरेंडर व रद्द हुए. इनकी संख्या 17 हजार थी. वहीं सबसे कम सरेंडर या रद्द 195 राशनकार्ड चतरा जिले में हुए.
पहले बीपीएल परिवारों को लाल राशन कार्ड जारी होता था. खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रावधान बदलने के बाद बीपीएल श्रेणी के बदले प्राथमिकता सूची (प्रायोरिटी होल्डर) की श्रेणी बनी. विभिन्न शर्तें पूरी करने वाले इन परिवारों को गुलाबी राशन कार्ड दिया जाता है. अंत्योदय या पीला राशन कार्ड उन्हें मिलता है, जो अत्यंत गरीब या असहाय हैं. सरकार ने सिर्फ दिव्यांग, कुष्ठ रोगी, एड्स प्रभावित, वृद्ध, विधवा (60 वर्ष व अधिक), भिखारी, झोपड़पट्टी में रहने वाले, आदिम जनजाति तथा गरीब व असहाय अनुसूचित जनजाति के लोगों को ही अंत्योदय कार्ड के योग्य माना है.

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