GSP के जरिए भारत को झटका देना चाहते थे डोनाल्‍ड ट्रंप, यूं उल्टा पड़ा दांव

ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (TPCI) ने रविवार को कहा कि पूर्व में जो उत्पाद अमेरिका में GSP के तहत आता था उन उत्पादों का निर्यात भारत ने इस साल जून में पिछले साल के मुकाबले 32 फीसदी ज्यादा किया है. बता दें कि अमेरिका ने पांच जून 2019 से भारतीय उत्पादों से जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रिफरेंस (GSP) हटा लिया है. दरअसल अमेरिका अपने व्यापार कार्यक्रम के तहत विकासशील देशों के व्यापार को संवर्धन प्रदान करने के मकसद से कुछ उत्पादों का शुल्क मुक्त निर्यात करने की छूट देता है जिसे GSP कहते हैं. GSP के तहत भारतीय व्यापारियों व निर्यातकों को नकली गहने और चमड़े का सामान (फुटवियर को छोड़कर) बिना किसी शुल्क के अमेरिकी बाजार में उतारने की छूट मिलती थी. TPCI ने यूएस इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि जून 2019 में भारत ने 65.7 करोड़ डॉलर मूल्य का पूर्व में जीएसपी के तहत आने वाले उत्पादों का निर्यात किया जबकि पिछले साल जून में यह आंकड़ा 49.57 करोड़ डॉलर था.
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GSP के दायरे में 1975 में आया था भारत
अमेरिका द्वारा कुछ भारतीय वस्तुओं पर विशेष व्यापारिक लाभ खत्म किए जाने पर भारत सरकार ने ट्रंप प्रशासन पर जवाबी कार्रवाई करते हुए 15 जून को अमेरिका से आयात होने वाले अखरोट और सेब समेत विभिन्न वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ा दिया था था. ये बढ़ी हुई दरें 16 जून से ही लागू हो गई थीं. GSP कार्यक्रम के दायरे में 1975 में आया भारत इस कार्यक्रम के तहत अमेरिका में सबसे बड़ा लाभार्थी था. हालांकि अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) के अनुसार, 2017 में कुल निर्यात का मूल्य 76.7 अरब डॉलर था, जिसका GSP निर्यात 5.6 अरब डॉलर एक छोटा-सा हिस्सा है. भारत और अमेरिका के बीच 2017 में 126.2 अरब डॉलर का व्यापार हुआ, जिसमें अमेरिका का व्यापार घाटा 27.3 अरब डॉलर था.

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