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राजस्थान में जल्द होने हैं निकाय चुनाव, भाजपा को मिल सकता है नया प्रदेशाध्यक्ष
By
Amar Ujala
11-Aug-2019

राजस्थान में पंचायत एवं नगरपालिका चुनाव होने हैं ऐसे में संभावना है कि जल्द ही भाजपा को नया प्रदेशाध्यक्ष मिल जाएगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार संसद का बजट सत्र समाप्त हो चुका है और अब केंद्रीय नेतृत्व इस पद पर नियुक्ति कर सकता है। इसी साल 24 जून को मदन लाल सैनी के निधन के बाद से यह पद खाली पड़ा है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार आगामी चुनावों को देखते हुए पार्टी नए प्रदेशाध्यक्ष की घोषणा जल्द ही कर देगी। राज्य में दिसंबर में नगर निकायों एवं उसके बाद अगले साल शुरू में पंचायतों के चुनाव होने हैं। स्थानीय मीडिया में भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष की पद की दौड़ में कई नाम सामने आ रहे हैं जिनमें सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, विधानसभा में प्रतिपक्ष उपनेता राजेंद्र राठौड़ तथा विधायक सतीश पूनिया, वासुदेव देवनानी व मदन दिलावर शामिल है।
हालांकि पार्टी के स्थानीय नेता किसी भी तरह के कयास लगाने से बच रहे हैं। उनके अनुसार शीर्ष नेतृत्व यहां भी कुछ ‘सरप्राइज‘ दे सकता है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने इस बारे में पूछे जाने पर कुछ दिन पहले कहा था, 'अभी तो हमारा सदस्यता पर ही जोर है। सदस्यता पूरी होने के बाद ही पार्टी का संविधान संगठन की चिंता करता है। चुनाव भी बाद में ही होंगे।'
उन्होंने कहा, 'सदस्यता अभियान के बाद सदस्यता सत्यापन आदि काम होगा। उसके बाद ही चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।' उन्होंने कहा कि प्रदेश एवं जिला स्तर पर संगठनात्मक चुनाव उसके बाद ही होंगे। प्रदेश पार्टी पदाधिकारी प्रमोद वशिष्ट ने बताया कि चुनाव के जरिए नियुक्ति पर प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल के लिए होता है। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व द्वारा नियुक्ति किए जाने पर कार्यकाल की ऐसी कोई बाध्यता नहीं होती।
उल्लेखनीय है कि पार्टी के सदस्यता अभियान का पहला चरण 11 अगस्त को समाप्त हो रहा है। इसके बाद पार्टी सदस्यता सत्यापन का काम करेगी। वहीं राजधानी में पार्टी के वरिष्ठ अधिकारी ने संगठनात्मक बदलाव की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर मुस्कुराते हुए कहा,'आप कुछ कयास लगा सकते हैं क्या?'
याद रहे कि पिछले साल जब वसुंधरा राजे सत्ता में थीं तो विधानसभा चुनाव से पहले अशोक परनामी द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद यह पद लगभग ढाई महीने खाली रहा। तब यही कहा जा रहा था कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तत्कालीन केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रदेशाध्यक्ष बनाना चाहते थे लेकिन मुख्यमंत्री राजे इस नाम पर सहमत नहीं थीं। अंतत: बीच का रास्ता निकालते हुए मदन लाल सैनी को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई।
राज्य सभा सदस्य सैनी का इस साल 24 जून को निधन हो गया। पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा के लिए राजस्थान ही संभवत: एकमात्र राज्य है जहां प्रदेशाध्यक्ष का पद खाली है। अब तक यही माना जा रहा था कि संसद का बजट सत्र खत्म होने के बाद पार्टी संगठनात्मक बदलाव पर ध्यान देगी और खाली पदों पर नियुक्तियां करेगी।
हालांकि पार्टी के स्थानीय नेता किसी भी तरह के कयास लगाने से बच रहे हैं। उनके अनुसार शीर्ष नेतृत्व यहां भी कुछ ‘सरप्राइज‘ दे सकता है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने इस बारे में पूछे जाने पर कुछ दिन पहले कहा था, 'अभी तो हमारा सदस्यता पर ही जोर है। सदस्यता पूरी होने के बाद ही पार्टी का संविधान संगठन की चिंता करता है। चुनाव भी बाद में ही होंगे।'
उन्होंने कहा, 'सदस्यता अभियान के बाद सदस्यता सत्यापन आदि काम होगा। उसके बाद ही चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।' उन्होंने कहा कि प्रदेश एवं जिला स्तर पर संगठनात्मक चुनाव उसके बाद ही होंगे। प्रदेश पार्टी पदाधिकारी प्रमोद वशिष्ट ने बताया कि चुनाव के जरिए नियुक्ति पर प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल के लिए होता है। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व द्वारा नियुक्ति किए जाने पर कार्यकाल की ऐसी कोई बाध्यता नहीं होती।
उल्लेखनीय है कि पार्टी के सदस्यता अभियान का पहला चरण 11 अगस्त को समाप्त हो रहा है। इसके बाद पार्टी सदस्यता सत्यापन का काम करेगी। वहीं राजधानी में पार्टी के वरिष्ठ अधिकारी ने संगठनात्मक बदलाव की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर मुस्कुराते हुए कहा,'आप कुछ कयास लगा सकते हैं क्या?'
याद रहे कि पिछले साल जब वसुंधरा राजे सत्ता में थीं तो विधानसभा चुनाव से पहले अशोक परनामी द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद यह पद लगभग ढाई महीने खाली रहा। तब यही कहा जा रहा था कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तत्कालीन केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रदेशाध्यक्ष बनाना चाहते थे लेकिन मुख्यमंत्री राजे इस नाम पर सहमत नहीं थीं। अंतत: बीच का रास्ता निकालते हुए मदन लाल सैनी को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई।
राज्य सभा सदस्य सैनी का इस साल 24 जून को निधन हो गया। पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा के लिए राजस्थान ही संभवत: एकमात्र राज्य है जहां प्रदेशाध्यक्ष का पद खाली है। अब तक यही माना जा रहा था कि संसद का बजट सत्र खत्म होने के बाद पार्टी संगठनात्मक बदलाव पर ध्यान देगी और खाली पदों पर नियुक्तियां करेगी।
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