पंचायती राज संशोधन एक्ट पर सरकार, राज्य निर्वाचन आयोग को हाईकोर्ट का नोटिस, मांगी ये सफ़ाई
पंचायती राज संसोधन एक्ट 2019 पर सुनवाई करते हुए आज हाईकोर्ट की डबल बेंच ने राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर दिया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि 10 दिन के भीतर शपथ पत्र दाखिल कर अपना पक्ष स्पष्ट करें. कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 21 अगस्त को करेगी. साथ ही आज हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने सभी याचिकाओं को एक साथ सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में बताया गया कि वे सहकारिता के सदस्य हैं और चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसके बाद कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर दिया है.
बता दें कि राज्यपाल की मंजूरी के बाद राज्य में पंचायती राज संसोधन एक्ट 2019 प्रभावी हो गया है. सरकार इसी एक्ट के प्रावधानों के अनुसार आगामी पंचायत चुनाव कराने जा रही है. पौड़ी के मोहन प्रसाद काला, जोत सिंह बिष्ट, मनोहर लाल आर्य समेत कई लोगों ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
याचिका में कहा गया है कि दो से अधिक बच्चों वाले उमीदवारों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाना असंवैधानिक है, वह भी बिना किसी तय तारीख के. याचिका में यह भी कहा गया है कि सहकारी समितियों के सदस्यों पर भी सरकार ने चुनाव न लड़ने की बाध्यता सरकार ने डाली है जो गलत है.
याचिका में उपप्रधान की चुनाव प्रक्रिया साफ़ न होने के मामले को भी उठाया गया है. इसके अलावा पंचायती राज संसोधन एक्ट 2019 की कई खामियों को कोर्ट में रखा गया है. याचिका में मांग की गई है कि 2019 वो संशोधन संविधान के विरुद्ध है इसलिए उसे हटाया जाना चाहिए.