राजस्थान की गहलोत सरकार का भर्तियों की घोषणाओं पर जोर, इन विभागों में की है भर्तियों की घोषणा
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने बेरोजगारों के लिए भर्तियों का पिटारा खोला है। सत्ता संभालने के बाद से ही गहलोत सरकार ने थोड़े-थोड़े अंतराल में विभिन्न विभागों में लगातार भर्तियों की घोषणा की है। बेरोजगार भी खुश होकर तैयारियों में जुटे है। हालांकि फिलहाल यह तय नहीं है कि इन भर्तियों की प्रक्रिया कब तक पूरी होगी। सरकारी नौकरियों में भर्तियों की घोषणाएं तो पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने भी खूब हुई थी, लेकिन उनमें से अधिकांश की प्रक्रिया ही प्रारंभ नहीं हो सकी थी।
घोषणा-पत्र में किया था भर्तियों का वादा
विधानभा चुनाव के समय कांग्रेस ने बेरोजगारों के लिए भर्तियां खोलने का वादा किया था। उस वादे को निभाने के लिए सत्ता में आते ही सरकार ने भर्तियों की घोषणा करनी भी शुरू कर दी। सीएम अशोक गहलोत ने पिछले दिनों बजट में विभिन्न विभागों में करीब 75,000 भर्तियों की घोषणा की है। उसके बाद पटवारियों के 3,825 पदों पर भर्ती को मंजूरी भी दे दी। गहलोत ने इसके साथ ही कृषि उपज मंडी समितियों में कनिष्ठ लिपिक के 801 पदों के लिए भी मंजूरी जारी कर दी है। वहीं छपरा एवं कालीसिंध पावर प्रोजेक्ट के लिए भी विभिन्न संवर्ग के 220 पद सृजित करने को मंजूरी दी है। उसके बाद हाल ही विधानसभा में चिकित्सा एवं सफाई पर अनुदान मांगों का जवाब देते हुए चिकित्सा मंत्री 2,737 पदों पर नई भर्तियों की घोषणा की है।
सीएम गहलोत ने बजट में घोषित की गई भर्तियां इसी साल करने की बात कही है, लेकिन यह संभव हो पाएगा या नहीं कह पाना मुश्किल है, क्योंकि प्रदेश में पूर्ववर्ती सरकार की ओर निकाली गई भर्तियों में से हजारों नौकरियां अभी तक कानूनी पेचिदगियों में फंसी हुई है। परीक्षा दे चुके अभ्यर्थी अदालतों के चक्कर लगा रहे है। बार-बार नए बदलते नियम कायदों के चलते राजस्थान लोकसेवा आयोग को कई परीक्षाओं को परिणाम दुबारा घोषित करने पड़े है। ऐसे में मौजूदा सरकार की ओर से बेरोजगारों को दिखाए जा रहे सपने कब पूरे होंगे कह पाना मुश्किल है।
सरकार ने बजट में इन विभागों में की है भर्तियों की घोषणा
राजस्व विभाग- 4646
कृषि विभाग- 4000
शिक्षा विभाग- 21600
सहकारिता विभाग- 750
आईटी विभाग- 800
स्वास्थ्य विभाग- 15000
उच्च शिक्षा- 1000
कौशल एवं रोजगार- 1500
वन विभाग- 1474
गृह विभाग- 4000
ऊर्जा विभाग- 9000
पीएचईडी- 1400
पीडब्ल्यूडी (200 जेईएन समेत)- 1341
डब्ल्यूआरडी- 2000
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज- 5160
परिवहन विभाग- 104
सामाजिक न्याय विभाग- 250
महिला एवं बाल विकास विभाग- 300
चिकित्सा शिक्षा- 269