मोदी सरकार 2.0 के 50 दिन, जावड़ेकर ने पेश किया सरकार का रिपोर्ट कार्ड

केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने 50 दिन पूरे कर लिए हैं. इस दौरान सरकार ने कई बड़े फैसले लिए. 2014 से भी कहीं ज्यादा बड़े बहुमत से 2019 में सत्ता में आई मोदी सरकार भी समझती है कि उस पर जनअपेक्षाओं को पूरा करने का भारी दबाव है. मोदी सरकार ने पिछले 50 दिनों के भीतर गांव, गरीब और किसान से लेकर उद्यमियों और श्रम सुधारों की दिशा में काम किया है. जम्मू-कश्मीर पर भी सरकार का खास फोकस रहा. टेरर फंडिंग की शिकायतों को केंद्र ने गंभीरता से लिया. जिसका नतीजा रहा कि जम्मू-कश्मीर बैंक के चेयरमैन को हटाने के साथ स्थानीय नेताओं की सिफारिशों पर हुई सौ से ज्यादा भर्तियों की फाइल भी खुल गई. आइए जानते हैं कि मोदी सरकार ने 50 दिन में कौन से बड़े काम किए.
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सरकार ने दिया लेखा-जोखा
सोमवार को केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 50 दिन के कामकाज का लेखा-जोखा पेश किया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के 50 दिन पूरे हुए हैं. उन्होंने उपलब्धियां गिनाते हुए कहा-
-लागत से  50 फीसदी ज्यादा किसानों को मिलने लगा है
-मजदूरों के लिए चार कोड लाने का फैसला हुआ
-सेना के जवान और पुलिस के शहीदों के बेटे-बेटियों की छात्रवृति बढ़ाई
-सेना के अनेक वर्गों के साथ न्याय किया है
-स्टार्ट अप के लिए टीवी चैनल शुरू होगा
-निवेश के विशेष प्रावधान
-आज चंद्रयान 2 निकलेगा निश्चित सफल होगा
-जम्मू कश्मीर में मजबूती से काम हुआ है. अलगाववादियों को अलग-थलग कर दिया है.
-मानव सहित अपना गगनयान भी जाएगा
-100 लाख करोड़ का निवेश सड़क बिजली पानी में होगा
-हर घर तक जल की व्यवस्था होगी
-करप्शन के आरोपी अधिकारियों को नियम 56 के तहत सेवा से हटा दिया गया है.
-पीएम लगातार देश की तरक्की की सोचते हैं.  5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने का सपना है
-जो पोंजी योजना में लूट होती थी उसके लिए भी बिल लाया गया है
-मेडिकल में प्रवेश के लिए एक ही नीट परीक्षा होगी.
श्रम सुधार
भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार ने श्रम सुधारों पर फोकस किया है. सरकार ने  44 श्रम कानूनों को मिलाकर 4 श्रम संहिताएं बनाने का फैसला किया हैं. ताकि लालफीताशाही खत्म हो. सरकार ने 44 श्रम कानूनों की जगह सिर्फ न्यूनतम वेतन और कार्यगत सुरक्षा,  स्वास्थ्य एवं कार्यदशा, सामाजिक सुरक्षा और औद्योगिक संबंध से जुड़े चार कानून ही लागू करने का फैसला किया है. 13 श्रम कानूनों को मिलाकर बने स्वास्थ्य और कार्यदशाओं से संबंधित बिल ‘ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन बिल 2019’ के मसौदे को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिली. न्यूनतम वेतन से संबंधित प्रावधान को भी सरकार मंजूर कर चुकी. बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य और कार्यदशा से संबंधित बिल से 40 करोड़ कर्मचारी लाभान्वित होंगे. छोटे कारखानों में काम करने वालों को भी नियुक्ति पत्र मिलेगा. जिससे उनके अधिकारों पर आंच नहीं आएगी. हर साल श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच भी जरूरी की गई है.
5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने की पहल
दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार ने 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने की पहल शुरू की है. प्रधानमंत्री मोदी कह चुके हैं कि देश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने में 55 साल लग गए और सिर्फ पिछले पांच साल के शासन में ही अर्थव्यवस्था 2 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गई. ऐसे में भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बनाया जा सकता है.
दरअसल, पड़ोसी चीन को 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला देश बनने में महज तीन साल (2005 से 2008) लगे थे. इससे मोदी सरकार को लगता है कि अगर चीन तीन साल में यह मुकाम हासिल कर सकता है,  तो भारत पांच साल में ऐसा क्यों नहीं कर सकता. भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से है और कुछ समय के लिए तो हम चीन को पीछे छोड़ चुके हैं.
किसानों पर मेहरबानी
सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए 14 सूत्रीय फॉर्मूले पर काम शुरू किया है. इसमें कांट्रैक्ट फॉर्मिंग जैसी व्यवस्था है. निर्मला सीतारमण के बजट में भी किसानों की आय को दोगुना करने का खाका पेश किया गया. खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला किया गया. 10 हजार फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (FPO) का गठन किया जाएगा.
 
गांव और गरीब
मोदी सरकार ने दूसरे कार्यकाल में भी गांव और गरीबों पर फोकस किया है. 2022  तक  हर घर तक गैस और बिजली कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. दरअसल, 2022 में स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं. ऐसे में सरकार इस साल तक कई बड़ी योजनाओं पर काम कर रही है. इसके अलावा पीएम आवास योजना(ग्रामीण) के तहत 2022 चत 1.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है.  देश के हर घर में 'नल से जल' पहुंचाने के लिए मोदी सरकार ने  महत्वाकांक्षी परियोजना 'जल जीवन मिशन’ पर काम शरू किया है.
जम्मू-कश्मीर में आरक्षण
मोदी सरकार दूसरे कार्यकाल के पहले संसद सत्र में ही जम्मू-कश्मीर रिजर्वेशन बिल संसद के दोनों सदनों में पास कराने में सफल रही. जिससे लोगों को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का लाभ मिलेगा. इस विधेयक के तहत जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 3 फीसदी आरक्षण को विस्तार दिया गया है. जम्मू कश्मीर आरक्षण अधिनियम सीधी भर्ती, प्रमोशन और विभिन्न श्रेणियों में कई व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आरक्षण देता है, लेकिन इसका विस्तार अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे व्यक्तियों के लिए नहीं था. लेकिन इस बिल के कानून बन जाने के बाद यह लोग भी आरक्षण के दायरे में आ जाएंगे.
बिल पास
17वीं लोकसभा के मौजूदा सत्र के दौरान पिछले 20 साल में सबसे अधिक कामकाज हुआ है. कामकाज का स्तर 128 प्रतिशत रहा है. पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च ने यह रिपोर्ट पेश की है. मानसून सत्र के दौरान 17 बिल पास हुए. वहीं 104 नए बिल पेश किए गए हैं. सर्च ने कहा, "इस सत्र में लोकसभा अपने तय समय से अधिक काम कर रही है. 16 जुलाई 2019 तक लोकसभा के कामकाज का स्तर 128 प्रतिशत रहा, जो पिछले 20 वर्षों में किसी भी सत्र में सबसे अधिक है.
छोटे कारोबारियों के लिए प्रधानमंत्री कर्म योगी मानधन योजना की शुरुआत की है. इसके तहत 1.5 करोड़ से कम वार्षिक टर्नओवर वाले करीब तीन करोड़ दुकानदारों को पेंशन मिलेगी. वहीं बड़े कारोबारियों को भी सहूलियत देने का फैसला किया है. चार सौ करोड़ सालाना टर्नओवर पर 25 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स लगेगा. पहले 250 करोड़ पर यह दर लगती थी. मोदी सरकार ने देश में 5 साल में आधारभूत संसाधनों के विकास के लिए 100 लाख करोड़ रुपये निवेश करने का फैसला किया है. निर्मला सीतारमण ने बजट में बताया कि बैंकिंग सेक्टर की दशा सुधारने के लिए 70 हजार करोड़ रुपये जारी होंगे.

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